जिसे इंदिरा नहीं कर पायी…जिला पंचायत ने कर दिखाया…खत्म हुई इस गांव से गरीबी…बन गया अमीरों का गांव

BHASKAR MISHRA
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IMG-20171114-WA0015   बिलासपुर— जिस अभियान को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी अंजाम तक नहीं पहुचा सकीं। उसे जिला पंचायत बिलासपुर ने कर दिखाया है। जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले मेंं मस्तूरी ब्लाक का जलसो गांव के सभी लोग अमीर हो गए हैं। गांव में गरीबी का नामोनिशान खत्म हो गया है।

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                     जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत की है कि 2011 की सूची में शामिल नहीं होने के कारण प्रधानमंत्री आवास नहीं दिया जा रहा है। शिकायत के बाद कलेक्टर भी हतप्रभ हैं।

                                            1971 आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी की सरकार गरीबी हटाओं वादे के साथ बनी। इंदिरा गांधी के इस नारे ने देश की जनता ने हांथों हांथ लिया। देश से गरीबी तो खत्म नहीं हुई। 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गोलियों का शिकार होना पड़ा। लेकिन देश से गरीबी का शिकार आज नहीं किया जा सका। गरीबी हटाओ अभियान के 46 साल और इंंदिरा गांधी की मौत के करीब  33 साल बाद गरीबी हटाओ नारे को जिला पंचायत बिलासपुर ने सच कर दिखाया है। छत्तीसगढ के नक्शे में दर्ज जलसो गांव को पूरी तरह गरीबी से मुक्त कर दिया गया है। जलसो  बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लाक में आता है।

                                             दो दिन पहले कलेक्टर जनदर्शन में जलसो गांव के जन प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन को बताया कि जिला पंचायत ने गांव के गरीबों को आवास योजना का लाभ देने से इंकार कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि सर्वेक्षण सूची में जलसो के किसी भी ग्रामीण का नाम नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ जलसो गांव के किसी भी ग्रामीणों को नहीं मिलेगा।

जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने की शिकायत

                                        जिला प्रशासन प्रमुख कलेक्टर पी.दयानन्द से पंचायत जनप्रतिनिधि और गांव के गरीबों ने बताया कि 300 से अधिक लोगों के पास आज भी रहने को आवास नहीं है। 2002 की सर्वेक्षण सूची में तीन सौ से अधिक हितग्राहियों के नाम शामिल थे। इन सभी गरीबों का नाम इंदिरा आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में भी शामिल है। आश्चर्य की बात है कि 2011 की सर्वेक्षण सूची में कोई भी नहीं है। जिला पंचायत पंचायत अधिकारियों से भी गुहार लगाई। जिला पंचायत प्रशासन ने दो टूक कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ केवल 2011 की सर्वेक्षण सूची में शामिल लोगों को ही दिया जाएगा। जनप्रतिनिधियों के अनुसार  जिला प्रशासन को बताया गया कि 2002 की सूची में शामिल गरीबों को अभी तक इंदिरा आवास का भी लाभ नहीं मिला है। यह कैसे संभव है कि 2011 की सूची में उनका नाम नहीं है। जिला प्रशासन को जनप्रतिनिधियों और हितग्राहियों ने बताया कि जलसो में कोई गरीब नहीं है। गरीबी का इससे बड़ा और क्या मजाक हो सकता है।

कहां हुई गलती…

                      जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ केवल वे ही लोग ले सकते हैं जिनका नाम 2011 की सर्वेक्षण सूची में शामिल है। 2011 की सर्वे सूची में जलसो गांव से किसी का भी नाम शामिल नहीं किया गया है। जाहिर सी बात है कि सभी लोग अमीर हैं। किसी का नाम गरीबी रेखा के नीचे नहीं है।

                          सवाल उठता है कि आखिर गलती हुई कहां। पंचायत स्तर पर गलती होने की संभावना कम ही है। क्योंकि सर्वेक्षण सूची जनगणना के आधार पर तैयार होती है। 2002 की सर्वेक्षण सूची में 300 से अधिक लोगों का नाम जलसो पंचायत से शामिल है। लेकिन जनगणना कर्मियों ने 2011 की सूची तैयार करते समय जलसो के गरीबो को निकाल बाहर किया है। जनगणना और सर्वेक्षण की सूची भारत सरकार जारी करता है। जाहिर सी बात है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ जलसों के किसी भी गरीब को मिलने से रहा।

जनदर्शन में क्या हुआ

गरीबों की शिकायत के बाद बैठक में जिला पंचायत सीईओ फारिहा आलम ने कलेक्टर को बताया कि 2011 की सर्वेक्षण सूची में जलसो का नाम नहीं है। सूची जनगणना के आधार पर बनाई गयी है। इसलिए संशोधन की गुंजाइश भी नहीं है। कलेक्टर के निर्देश पर फारिहा ने मामले की जानकारी राज्य शासन तक भेजने को कहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना संचालक को पत्र

          जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी फारिहा सिद्धिकी ने बताया कि जनगणना के दौरान शायद गलती से गरीबों का नाम सर्वेक्षण सूची में शामिल नहीं हो सका है। कारण का पता लगाया जाएगा कि आखिर ऐसा हुआ क्यों। जिला पंचायत ने जिला प्रशासन के निर्देश पर संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना को पत्र लिखा है।

                     फारिहा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए गरीबों का नाम सूची में शामिल होना अनिवार्य है। हम ना तो नाम काट सकते हैं और ना ही जोड़ सकते हैं। बावजूद इसके मामले की जानकारी उपर तक भेज दी गयी है। नाम जोड़ना और घटाना संचालक प्रधानमंत्री आवास नई दिल्ली के हाथ में है।

अन्य योजनाओं का मिल रहा लाभ

बेशक जलसो गांव के किसी भी गरीब का नाम सर्वेक्षण सूची में शामिल नहीं है। बावजूद इसके सैकड़ों लोगों को बीपीएल योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उज्जवला योजना,राशन कार्ड योजना समेत कई प्रकार की योजनाओं का लाभ राज्य सरकार दे रही है। सवाल उठता है कि जब जलसो ग्राम पंचायत में कोई गरीब ही नहीं है तो इन योजनाओं का लाभ किसे दिया जा रहा है।

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