सिम्स में फिर भर्राशाही,जूनियर को बना दिया डीएनस,धांधली को दबाने शुरू मान मनौव्वल का खेल

BHASKAR MISHRA
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IMG-20171031-WA0015बिलासपुर—विवाद और समस्या का दूसरा नाम सिम्स है। एक बार फिर सिम्स में भर्राशाही और रसूखदारी का नया कारनामा सामने आया है। सिम्स प्रबंधन ने नियम और रोस्टर को ताक पर रख जूनियर को डीएनस बना दिया है। जानकारी के  अनुसार जब सीनियर ने विरोध किया तो धांधली को दबाने एमएस ने सीनियर एएनस का मान का मनौव्वल  करना शुरू कर दिया है।सूत्रों से जानकारी मिली है कि सिम्स में एक बार फिर अपनों को प्रसाद बांटने का खेल शुरू हो गया है। ऐसा हो भी क्यों नहीं..क्योंकि सिम्स का विवाद और नेतागिरी का पुराना नाता है। जिसने भी खातिरदारी के साथ रसूखदारी का परिचय दिया उसे मनपसंद कुर्सी हासिल हो जाती है।सीजीवाल,2012-13 में भर्तीकाण्ड के बाद एक बार फिर प्रभार को लेकर मामला सामने आया है।
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                                      सिम्स प्रबंधन ने सिनियर एएनस पर जूनियर एएनस को वरीयता दी है। काफी जूनियर मेकाहारा की एएनएस एसडी बोगी को सिम्स का डीएनएस बना दिया गया है। जबकि बोगी से काफी सीनियर सिम्स की सीनियर एएनएस सुहासिनी दास को डीएनइस बनाया जाना था।सीजीवाल,मालूम हो कि 31 नवम्बर को सिम्स की उप नर्सिंग अधीक्षक शीला जैकब रिटायर्ड हो गयी हैं। सिम्स ने बिना देरी किए रसूखदारों के प्रभाव में आकर मेकाहारा की एएनएस  एस.डी.बोगी को नर्सिंग उप अधीक्षक का प्रभार दे दिया है। यह जानते हुए भी सिम्स की ही सीनियर एएनएस सुहासिनी दास ना केवल एसडी.बोगी से सीनियर हैं बल्कि उनका सर्विस रिकार्ड भी साफ सुथरा है। बावजूद इसके सिम्स प्रबंधन ने सुहासिनी दास को नजरअंदाज किया है।


जानकारी के अनुसार एसडी बोगी सुहासिनी दास से ट्रेनिंग के समय से ही जूनियर हैं। यह सच है कि सुहासिनी दास एसडी बोगी से दो महीने पीछे नौकरी में आयीं। लेकिन रिकार्ड साफ होने के कारण शासन ने उन्हें लगातार प्रमोशन दिया। एसडी बोगी का सर्विस रिकार्ड ठीक नहीं होने के कारण सुहासिनी से दो प्रमोशन पीछे होना पड़ा है। सब कुछ जानते हुए भी सिम्स प्रबंधन ने शासन के रोस्टर और नियम के खिलाफ सुहासिनी दास पर बोगी को प्राथमिकता दी है।सीजीवाल,सिम्स की उप नर्सिंग अधीक्षक शैलजा जेकब के रिटायर्ड होते ही सिम्स प्रबंधन बिना किसी देरी डीएनएस का प्रभार एसडी बोगी को दे दिया। जिसे लेकर सिम्स में आज दिनभर कानाफूंसी होती रही। मामले में सुहासिनी दास से मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होने काल नहीं उठाया। दूसरी तरफ सीनियर पर जूनियर को वरीयता के सवाल पर सिम्स प्रबंधन कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

                                      सीजी वाल ने सिम्स के एमएस डॉ.रमणेश मूर्ती से भी सम्पर्क करने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्होेने भी मोबाइल उठाना जरूरी नहीं समझा।फिलहाल नर्सिंग स्टाफ में सिम्स प्रबंधन और खासतौर पर डॉ.रमणेश मूर्ति की त्वरित कार्रवाई को लेकर उंगली उठना शुरू हो गया है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि डॉ.मूर्ति सुहासिनी को मनाने की कोशिश की है। उन्होने आश्वासन दिया है कि मामले को बाहर जाने से रोका जाए। धीरे से सब कुछ ठीक कर लिया जाएगा। देखना है कि ठीक कैसा होता है….।

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