छत्तीसगढ़ मे भी नही बिकेंगे धमाकेदार पटाखे,सरकार ने लगाई पाबंदी

Shri Mi
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847F94A0924D5FF07A82D0F02E440EE3रायपुर।राज्य सरकार ने लोगों से पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम में सहयोग की अपील की है और प्रदूषण मुक्त दीवाली  के लिए जनजागरण का विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष और पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने इस सिलसिले में सोमवार को अधिकारियों की बैठक ली।श्री सिंह ने बैठक के तुरंत बाद समस्त संभागीय कमिश्नरों, जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी किया है, जिसमें उन्हें आगामी दीपावली को ध्यान में रखकर अधिक आवाज वाले पटाखों पर अंकुश लगाने और ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में पर्यावरण विभाग के सचिव संजय शुक्ला, कलेक्टर ओ.पी. चौधरी, नगर निगम आयुक्त रजत बंसल, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के सचिव श्री देवेन्द्र सिंह और श्री अरूण प्रसाद उपस्थित थे।

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                                            श्री सिंह ने परिपत्र में लिखा है कि दीपावली के अवसर पर बड़ी मात्रा में आतिशबाजियां की जाती है एवं पटाखे फोड़े जाते है, जिनसे हवा और ध्वनि प्रदूषण की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है। इसे ध्यान में रखकर संबंधित सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए सर्वोच्च न्यायालय केे निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन हो। श्री सिंह ने परिपत्र में कहा है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक पटाखे न फोड़े जाए। अतिसंवेदनशील क्षेत्रों जैसेः अस्पताल, शिक्षण संस्थायें, अदालत, धार्मिक संस्थायें आदि के कम से कम 100 मी. दूरी तक पटाखें न फोड़े जाये। श्री सिंह ने बैठक में चार मीटर की दूरी तक 125 डीबी (ए.आई.) या 145 डी.बी. (सी) से अधिक शोर करने वाले पटाखे की बिक्री और इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के भी निर्देश दिए।

                                                      प्रमुख सचिव ने परिपत्र में अधिकारियों से कहा है कि वे विद्यार्थियों को ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के बारे में जानकारी दें साथ ही पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में भी उनको बताया जाए और जनजागरण अभियान में स्कूली बच्चों को भी शामिल किया जाए।उन्होने परिपत्र में राज्य के समस्त संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों से कहा है कि खेतों में फसल कटाई के बाद पौधों के सूखे रह गए अवशेषों को जलाने पर भी रोक होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार के पर्यावरण विभाग और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने इसके लिए कृषि विभाग और अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से किसानों के बीच व्यापक जन जागरण अभियान की जरूरत पर बल दिया।

                                                    प्रमुख सचिव ने रायपुर शहर की वायु गुणवत्ता के संबंध में कलेक्टर को सघन अभियान चलाने और निर्माणाधीन भवनों में ग्रीन नेट अथवा अस्थायी विंड ब्रेकिंग वॉल लगवाने के निर्देश दिए। श्री सिंह ने कहा कि जिन भवन निर्माताओं द्वारा निर्देशों का पालन नही किया जा रहा है, उनके विरूद्ध नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए। श्री सिंह ने रायपुर कलेक्टर को शहरी क्षेत्रों में ठोस कचरे को खुले में जलाने से रोकने के लिए भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 03 माह के भीतर इस संबंध में विभाग को रिपोर्ट दी जाए।

                                                  श्री सिंह ने ठण्ड के दिनों में सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने के लिए धुँआरहित सिगड़ी की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि लोग लकड़ी, बेकार टायर आदि न जलाएं। उन्होंने इसके लिए अधिकारियों को क्रेडा से समन्वय कर सिगड़ी की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने उद्योगों में भी पर्यावरण नियमों का गंभीरता से पालन करवाने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि अधिकारी यह देखें कि सभी उद्योगों में पर्यावरण मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। जिन उद्योगों में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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