बिलासपुर । छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अहम् फैसला दिया है। जिसके तहत अब शिक्षा के अधिकार(आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले निम्न आय वर्ग के बच्चों को प्रदेश सरकार नगद राशि की बजाय यूनिफार्म , किताबें देगी। यह फैसला एक जनहित याचिका पर दिया गया है और यह फैसला एक एएसआर ( न्याय दृष्टांत) के रूप मे दिया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक हुडकों भिलाई निवासी श्री सी वी भगवंत राव ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पेश की थी। जिसमें अनुरोध किया गया था कि शिक्षा के अधिकार नियाम के तहत निम्न आय वर्ग के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिया जाता है। छत्तीसगढ़ शिक्षा के अधिकार नियम 2010 के प्रावधानों के तहत ऐसे बच्चों को सरकरा की ओर से मुफ्त यूनिफार्म, पाठ्य पुस्तक और लेखन सामग्री दिया जाना चाहिए । लेकिन राज्य सरकार की ओर से मुफ्त गणवेश और पाठ्य पुस्तक के एवज में 650 रुपए प्रति वर्ष दिया जाता है।
इस जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश श्री वी. राधाकृष्णन और न्यायाधीश श्री शरद गुप्ता की डबल बेंच में हुई। जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से श्री देवर्षि ठाकुर और राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने पैरवी की।
मामले में सुनवाई के बाद डबल बेंच ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। जिसमें कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार के नियम 2010 के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह बच्चों या उनके पालकों को गणवेश, पाठ्यपुस्तक और लेखन सामग्री के एवज में नगद राशि का भुगतान करे।न्यायालय ने साथ ही आदेश दिया है कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव इसी शिक्षा सत्र से प्राइवेट स्कूलों मे पढ़ रहे निम्न आय़ वर्ग के बच्चों को स्कूल के मार्फत मुफ्त गणवेश,पाठ्य पुस्तक और लेखन सामग्री उपलब्ध कराएं।