रायपुर।मुख्य सचिव विवेक ढांड और केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव सी.के. मिश्रा ने बुधवार को मंत्रालय में राज्य सरकार के वन और पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारी की यह पहली छत्तीसगढ़ यात्रा थी। श्री मिश्रा ने बैठक में बताया कि केन्द्र सरकार के निर्देश पर वे देश के सभी राज्यों का दौरा कर रहे हैं। इसकी शुरूआत उन्होंने आज छत्तीसगढ़ से की है। मुख्य सचिव विवेक ढांड ने लिनियर प्रोजेक्ट – जैसे रेल्वे लाईन, विद्युत लाईन, नहर निर्माण इत्यादि में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राज्य शासन को 40 हेक्टेयर तक के क्षेत्रफल में वनभूमि व्यपवर्तन का अधिकार प्रत्यायोजित करने का आग्रह किया, जिस पर केन्द्रीय सचिव श्री मिश्रा ने शीघ्र ही निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया।बैठक में छत्तीसगढ़ में वन आधारित उद्योगों की स्थापना और वनों के संरक्षण तथा संवर्धन में नवीन तकनीकों के इस्तेमाल तथा वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए स्थायी रोजगार के अवसर बढ़ाने उपायों पर बैठक में विचार किया गया। इन बिन्दुओं पर वन विभाग की ओर से प्रस्तुतिकरण भी दिया गया।
Join Whatsapp Group | यहाँ क्लिक करे |
केन्द्रीय सचिव ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण और वनों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की तारीफ की। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव सी.के. खेतान और आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन सिंह ने प्रस्तुतिकरण में विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। वन विभाग के अधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण में लघु वनोपज संग्रहण और विपणन, वन्य प्राणी प्रबंधन, वन संरक्षण अधिनियम, कैम्पा तथा जलवायु परिवर्तन के संबंध में राज्य में किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए राज्य शासन को वन संरक्षण अधिनियम के तहत और अधिकार दिए जाने के संबंध में आग्रह किया।बैठक में अमन सिंह ने प्रस्तुतिकरण के जरिए पर्यावरण संरक्षण और वायु एवं ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।
आवास और पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने बैठक में बताया कि राज्य में वायु और ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इनमें मुख्य रूप से कारखानों के धुएं के उचित प्रबंधन, विभिन्न उद्योगों में पर्यावरण नियमों का पालन, फ्लाई-ऐश के समुचित उपयोग, पॉलीथिन की थैलियों पर और पटाखों पर प्रतिबंध, ऑटो रिक्शे के स्थान ई-रिक्शों का उपयोग, निर्माणाधीन भवनों में निर्माण कव्हर लगाकर काम करने और सड़कों तथा अन्य निर्माण कार्यों के दौरान धूल की समस्या को कम करने के लिए पानी के छिड़काव की अनिवार्यता विशेष रूप से उल्लेखनीय है।अमन कुमार सिंह ने यह भी बताया कि इन उपायों से रायपुर शहर में विगत दो महीने में वायु और ध्वनि प्रदूषण काफी हद तक कम हो गया है।