नईदिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में देश की गिरती अर्थव्यवस्था पर चर्चा हुई। इस बैठक में आर्थिक सुस्ती के बीच केंद्र सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए किए गाए कार्य और संभावित प्रोत्साहन पैकेज पर भी चर्चा की गई।बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की अर्थव्यवस्था पर नजर है और जरूरत पड़ने पर प्रोत्साहन पैकेज जैसे अतिरिक्त क़दम भी उठाए जाएंगे।उन्होंने कहा, ‘हमने सभी उपलब्ध आर्थिक संकेतों को संज्ञान में लिया है। यह सुधार एजेंडे पर एक सक्रिय सरकार रही है। बीते दो दिनों से मैंने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों और कई सचिवों से चर्चा की है।’
जेटली ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही गिरती अर्थव्यवस्था पर एक्सपर्ट और पीएमओ के अधिकारियों से चर्चा की गई थी। जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार प्रधानमंत्री से सलाह के बाद आने वाले दिनों में अतिरिक्त उपाय करेगी। जब भी यह कदम उठाए जाएंगे आपको बताया जाएगा।’उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मामलों को लेकर पहले से सतर्क है और अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जो भी जरूरी क़दम होगा उठाएंगे। पीएम के साथ विचार-विमर्श कर फैसलों की घोषणा की जाएगी।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गैर राजपत्रित रेल कर्मचारियों के 78 दिनों के उत्पादकता से जुड़े बोनस को मंजूरी दे दी।
जेटली ने कहा, ‘मंत्रिमंडल ने गैर राजपत्रित रेल कर्मचारियों के लिए 2016-17 के लिए 78 दिनों के उत्पादकता से जुड़े बोनस को मंजूरी दे दी है।’उन्होंने कहा कि मौजूदा फार्मूला के अनुसार उत्पादकता से जुड़ा बोनस 72 दिनों के लिए था। वित्त मंत्री ने कहा, ‘छह साल पहले 78 दिनों के बोनस दिए जाने की परंपरा थी। इसलिए मंत्रिमंडल ने 78 दिनों के उत्पादकता से जुड़े बोनस को मंजूरी दी है।’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 17 सरकारी प्रिंटिंग प्रेसों का पांच इकाइयों में विलय करने का फैसला भी किया। इससे किसी भी नौकरी को नुकसान नहीं पहुंचेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस कदम से सरकार 468 एकड़ भूमि को केंद्रीय पूल में लेने में सक्षम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रिंटिंग प्रेस के अतिरिक्त कर्मचारियों को फिर से तैनाती दी जाएगी।मंत्री ने कहा, ‘सभी नौकरियों की रक्षा की जाएगी।’ ये प्रिंटिंग प्रेस दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, ओडिशा व कर्नाटक में स्थित हैं।