बिलासपुर। पितृमोक्ष अमावस्या के अवसर पर डॉ सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय की ओर से भिक्षु – भोज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बिलासपुर शहर सहित ,रतनपुर,कोटा के सभी मंदिरों के सामने और रेल्वे स्टेशन, बस स्टेन्ड में भिक्षु भोज कराया गया। सर्व पितृ अमावस्या के अवसर पर तेरा तुझको अर्पण की भावना के साथ इस आयोजन में विश्वविद्यालय परिवार के सभी लोग बड़ी श्रद्धा के साथ शामिल हुए।
पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों का स्मरण करतेहुए तर्पण करने का विधान है। जिसके माध्यम से अपने पूर्वजोँ ता स्मरण कर उनके प्रति श्रद्धा प्रकट की जाती है। वैसे भी श्राद्ध पक्ष श्रद्धा का एक रूप है। इन दिनों पखवाड़े भर अपने पितरों का स्मरण कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने की परंपरा है। माना जाता है कि पितरों की तृप्ति के लिए दान के रूप में उन लोगों की मदद भी सार्थक हो सकती है , जिन्हे मदद की जरूरत है। पाखंड और आडम्बर से दूर कोई भी इस बात को महसूस कर सकता है कि यदि किसी होनहार गरीब बच्चे के हाथ में कोई कापी-किताब से भरा हुआ बस्ता सौंप दे तो उसे कितनी तृप्ति मिलेगी….। या किसी बीमार बेसहारा को इलाज के लिए कोई अस्पताल पहुंचा दे तो उसकी मुस्कान में कितनी दुआएं झर-झर झरने लगेंगी…..। या रास्ते में लिफ्ट मिलने की उम्मीद में खड़े किसी जरूरतमंद को कोई मंजिल तक पहुंचा दे तो उसका मन कितनी शुभकामनाओं से भर जाएगा….। इसी तरह भोजन की आस में मंदिरों के सामने बैठे भिक्षुओँ को तृप्ति मिले तो तर्पण को पूर्णता प्रदान करने में सहायता मिल सकती है।मानव धर्म कहता है कि हमें जो कुछ मिला उसे देने वाले के प्रति अपना आभार जताएं। हमें जो कुछ मिला उसका एक हिस्सा उन लोगों तक भी पहुंचाएं, जिन्हे इसकी जरूरत है….। ”तेरा-तुझके अर्पण….” की इस भावना के साथ इस तर्पण की पहल की- सीवीआरयू के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने….। और इस सिलसिले में सर्व पितृमोक्ष अमावस्या पर भिक्षु-भोज का आयोजन किया गया। सीजीवाल ने इस अनुष्ठान में लोक-मीडिया सहयोगी के रूप में अपनी हिस्सेदारी निभाई। शहर के प्रतिष्ठित जन, प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि सभी ने इस पहल की सराहना की और अपना सहयोग दिया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि पितृ अमावस्या के अवसर पर पितरों के अलावा गरीब लोगों को भोजन करने के सौभाग्य का अवसर कठिनाई से मिलता है। आज सोमवती अमावस्या भी है, जो धार्मिक कार्यों के लिए भी श्रेप्ठ है। पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन मंदिरों में भिक्षुक भोज के लिए 50 अधिकारियों की टीम बनाई गई थी, जिन्होंने मां महामाया देवी रतनपुर, भैरव बाबा,गिरजाबंद, काली मंदिर तिफरा,हरदेव लाल मंदिर,देवकीनंदन चौक हनुमान मंदिर,रेल्वे स्टेषन मंदिर,सांई मंदिर व्यापार विहार, साई मंदिर रेलवे कालोनी,मरीमाई मंदिर रेलवे कालोनी, राणीसती मंदिर, गायत्री मंदिर सरकंडा,साई मंदिर नेहरू नगर, सहित कोटा के सभी मंदिरों के सामने भोजन कराया। इस कार्य से सभी को परमआनंद की अनुभूति हुई है। उन्होने कहा कि इस कार्य के माध्यम से हमें सीखने को भी मिला है। तेरा तुझको अर्पण आयोजन में सी.जी.वाल की पूरी टीम और शहर के लोगों का पूरा सहयोग मिला इसके लिए विष्वविद्यालय परिवार सभी का आभारी है।
इस दौरान विश्वविद्यायल के प्रभारी कुलपति डॉ. आर.पी.दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालय समाजिक सरोकार में भी लगातार काम करता रहेगा। इस दिशा में यह पहल की गई है आने वाले समय में जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए विश्वविद्यालय हमेंशा तैयार रहेगा।
अपने तरह के इस अभिनव आयोजन के दौरान जिन मंदिरों और स्थानों पर भोजन के पैकेट वितरित किए गए वहां लोगों ने आशिर्वाद की भावना से साथ इसे स्वीकार किया। विश्वविद्यालय के इस व्यवस्थित आयोजन में शामिल सीवीआरयू परिवार के लोगों ने भी असीम सुख का अनुभव किया, जब भोजन के पैकेट प्राप्त कर रहे लोगों की दुआएं उन्हे मिलीं।