अब प्रमोशन के लिए अचल सम्पत्ति का ब्यौरा जरूरी

Chief Editor
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रायपुर ।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में गुरूवार को  शाम यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। विचार-विमर्श के बाद केबिनेट ने तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए दस प्रतिशत के सीमा बंधन को एक साल के लिए शिथिल करने का निर्णय लिया।

बैठक में बताया गया कि इसके पहले 16 जून 2013 को तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति की दस प्रतिशत की सीमा को एक साल के लिए शिथिल किया गया था, जिसकी अवधि 13 जून 2014 को समाप्त हो चुकी है। इसके फलस्वरूप अभी अनुकम्पा नियुक्ति के कई प्रकरण लंबित हैं, जिनके निराकरण के लिए मंत्रिपरिषद ने आज की बैठक में सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के बाद एक साल के लिए सीमा बंधन शिथिल करने का निर्णय लिया।
बैठक में यह भी तय किया गया कि सरकारी कर्मचारियों की विभागीय पदोन्नति के लिए अब उनकी अचल सम्पत्ति के कम से कम पांच साल के वार्षिक विवरण पत्रकों का होना अनिवार्य होगा। सामान्य प्रशासन विभाग के 17 जुलाई 2012 के आदेश के अनुसार शासकीय सेवक की अचल सम्पत्ति का वार्षिक ब्यौरा प्रस्तुत करने की जानकारी विभागीय पदोन्नति समिति के सामने प्रस्तुत करने के निर्देश हैं। मंत्रिपरिषद की आज की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार अब पदोन्नति प्रकरणों में प्रशासकीय विभाग द्वारा विचाराधीन सरकारी कर्मचारियों के विगत पांच वर्ष के अचल सम्पत्ति के वार्षिक ब्यौरा प्राप्त/अप्राप्त होने की जानकारी विभागीय पदोन्नति समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।

केबिनेट की आज की बैठक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत छत्तीसगढ़ को लक्ष्य से अधिक शानदार सफलता मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सूखा प्रभावित तहसीलों में अधिक से अधिक संख्या में रोजगारमूलक कार्य संचालित करने के भी निर्देश दिए।

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