रायपुर । राज्य शासन ने जिला कलेक्टरों को प्रदेश में अरहर दाल, चना दाल और मसूर दाल की उपलब्धता सुनिश्चित करने और इनके विक्रय पर सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में संचालक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को पिछले महीने की 30 तारीख को परिपत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। परिपत्र में कहा गया है कि राज्य में विगत चार महीनों के दौरान दालों के मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़ आवश्यक वस्तु व्यापारी (अनुज्ञापन तथा जमाखोरी पर निबर्धन) आदेश 2009 के तहत राज्य शासन द्वारा व्यापारियों एवं कमीशन एजेन्टों के लिए किसी एक समय में सभी प्रकार की दालों की अधिकतम स्टॉक सीमा एक हजार क्विंटल निर्धारित की गई है।
परिपत्र में कहा गया है कि दालों के थोक एवं खुदरा व्यापारियों की बैठक लेकर दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। यदि दालों के परिवहन और भंडारण के संबंध में किसी प्रकार की समस्या हो तो तत्काल इसका निराकरण करें। दालों के अनुज्ञप्तिधारियों से उनके कारोबार स्थल पर उपलब्ध स्टॉक की मात्रा और मूल्य की सूची अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए। अनुज्ञप्तिधारियों से दालों के उपलब्ध स्टॉक की प्राप्तियां एवं विक्रय आदि की मासिक विवरणी प्राप्त करें और इसके आधार पर स्थानीय प्रशासनिक अमले द्वारा आकस्मिक रूप से स्टॉक की जांच कराए। जांच के दौरान उपलब्ध स्टॉक की अनावश्यक रूप से बिक्री रोके जाने अथवा जमाखोरी से संबंधित प्रमाण पाए जाने पर स्टॉक जब्त करे और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत राजसात की कार्रवाई करें। कलेक्टरों से कहा गया है जिले में दालों के दैनिक बाजार भाव की सतत रूप से निगरानी करें और बाजार भाव में आकस्मिक वृद्धि परिलक्षित होने पर नियमानुसार तत्काल कार्रवाई करें। कलेक्टरों द्वारा की गई कार्रवाई से संचालक खाद्य को अवगत कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।