बिलासपुर। डाॅ.सी.वी.रामन् वि.वि. से मंगलवार को कौशल विकास यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह यात्रा प्रदेश के शहरी,ग्रामीण,ब्लाक,पंचायत,कस्बाई और वनांचल क्षेत्रों में पहुंच कर लोगों को कौशल विकास के लिए जागरूक करेंगी। यात्रा में बैनर,पोस्टर,फ्लैक्स,पोजेक्टर के माध्यम से कौशल विकास के बारे में समझाया जाएगा। कौशल विकास के अंतर्गत विद्यार्थियों में उद्यमशीलता का गुण विकसित सहित कई अभियान चलाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर सीवीआरयू के कुलाधिपति संतोष चौबे ने बताया कि सीवीआरयू में दीनदयाल कौशल केंद्र स्थापित करने की अनुमति यूजीसी द्वारा दिए जाने के बाद अब छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए कौशल विकास के लिए नई संभावनाएं खुल गई है, इस संदर्भ में और भी अच्छी बाद यह है कि यह छत्तीसगढ़ का पहला वि.वि. है जिसे बी.वोक और एम.वोक पाठ्यक्रम के अलावा स्कील के क्षेत्र में रिसर्च और पीएचडी प्रोग्राम की अनुमति प्राप्त हुई है। यह वि.वि. और प्रदेश के लिए गौरव की बात है। स्कील व रिसर्च के क्षेत्र में विस्तृत व उल्लेखनीय काम करने के कारण अब सीवीआरयू स्किल एवं रिसर्च वि.वि. बनाने की ओर अग्रसर है।
स्किल विवि की तरह उभर रहा सीवीआरयू
श्री चौबे ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वि.वि. ने अपने प्रत्येक विद्यार्थी को कोई न कोई निर्धारित स्किल्ड देनें का निर्णय लिया है। इसके तहत विद्यार्थी अपने सामान्य शैक्षिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ दो या तीन स्किल्ड सर्टिफिकेट प्राप्त करेंगे। यह कोर्स उनके सामान्य कोर्स के साथ अनिवार्य किया गया है। जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त करने की संभावनाओं में बढ़ोतरी होगी। इसके लिए ब्लू स्टार, स्नाइडर,एचसीएल और आईसेक्ट जैसे संस्थानों को नालेज पाटर्नर के रूप में आमंत्रित किया जा रहा है जो वि.वि. के भीतर भी अपना प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर सकें। इस तरह सीवीआरयू एक संदर्भ में स्किल वि.वि. की तरह उभर रहा है। जो भारत सरकार की परिकल्पना भी है। श्री चौबे ने कहा कि यह भी हर्ष का विषय है कि वि.वि. को पहली बार प्रदेश में स्कील के क्षेत्र में रिसर्च एवं पीएचडी प्रोग्राम चलाने की अनुमति दी गई है। जो कि शिक्षकों व प्रशिक्षकों के लिए और उद्योगों के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा।
कौशल विकास के लिए शिक्षकों का भी प्रशिक्षण-डाॅ.दुबे
इस अवसर पर वि.वि. के प्रभारी कुलपति डाॅ. आर.पी.दुबे ने बताया कि सीवीआरयू में एनएसडीसी एकेडमी कार्यरत है, जो विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के साथ-साथ कौशल विकास के लिए उपयुक्त शिक्षकों का भी प्रशिक्षण करती है। वि.वि. में एक बहुत अच्छे माहौल में यह काम किया जा रहा है। इस कार्य को छत्तीसगढ़ की अन्य संस्था, विद्यालय,महाविद्यालय में विस्तारित किया जाना है, इसकी तैयारी अभी प्रारंभिक स्तर पर है।
हर हाथ होगा काबिल-कुलसचिव
इस विषय में जानकारी देते हुए सीवीआरयू के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि कौशल विकास से प्रदेश सशक्त बनेगा। जब प्रदेश का हर हाथ में काबिलियत होगी और विकास की दौड़ हम तेजी से आगे बढ़ेंगे। यह तभी संभव है जब अधिक से लोगों को कौशल विकास की पूरी और सही जानकारी मिल सके। इसलिए इस अभियान के लिए यात्रा रवाना की गई है। कौशल विकास और उद्यम मंत्रालय राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से इस कार्यक्रम को क्रियान्वित कर रहा है। इसके तहत 24 लाख युवाओं को प्रशिक्षण के दायरे में लाया जाना तय किया गया है। कौशल प्रशिक्षण नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) और उद्योग द्वारा तय मानदंडों पर आधारित है।