वर्षा आधारित फसल बीमा योजना में करोड़ों का घोटाला !

Chief Editor
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            रायपुर ( वैभव शिव पाण्डेय )। छत्तीसगढ़ में वर्षा आधारित फसल बीमा में  एक बड़े घोटाला का खुलासा हुआ है !  मामला बीते वर्ष किए गए 336 करोड़ की बीमा का है।  जहां किसानो को बीमा के नाम पर ठगने का काम किया गया। दस्तावेजी प्रमाण के साथ ये आरोप लगाए हैं आरटीआई एक्टिविस्ट रमाशंकर गुप्ता ने।
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               सूचना के अधिकार से मिले ये वो दस्तावेज है जिसने केन्द्र और राज्य सरकार की वर्षा अधारित फसल बीमा में सवालिया निशान लगा दिया है।  दस्तावेजों से पता चलता है किस तरह से बीमा कंपनियों के साथ मिलकर सहकारी समितियां या कहे की सरकारी महकमे ने एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है ! इससे यह भी पता चलता है कि कैसे किसानों को ठगने का काम बीमा कंपनियों ने किया। मामले का खुलासा करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता रमाशंकर गुप्ता का आरोप है कि यह बड़ा आर्थिक अपराध है। 
            दरअसल बीते वर्ष सरकार ने पूरे प्रदेश भर में 7 बीमा कंपनियों के माध्यम से 336 करोड़ का वर्षा आधारित फसल बीमा किसानों का कराया था।  इसके तहत  33 लाख हेक्टेयर में 10 लाख किसानों का बीमा किया गया था। बीमा कंपनियों ने ऐसे किसानों का भी बीमा किया जो खेती 10 एकड़ में कर रहा है, लेकिन बीमा 20 एकड़ खेती  का कर दिया गया। यहीं नहीं बीमा करना हर कर्जदार किसान के लिए अनिवार्य किया गया।   राज्य वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष और किसान नेता विरेन्द्र पाण्डेय का सीधा आरोप है कि सरकारी तंत्र और बीमा कंपनियों ने मिलीभगत कर किसानों को लूटने का काम किया है. 
इन बीमा कंपनियों ने किया था बीमा- 
1. आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी –  बीमा क्षेत्र – रायपुर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, कबीरधाम, सरगुजा
2. कृषि बीमा कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड-  बीमा क्षेत्र- दुर्ग, बालोद, मुंगेली, जांजगीर, कांकेर
3. बजाज एलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड-  बीमा क्षेत्र-  धमतरी, बेमेतरा, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, कोरिया
4. चोलामंडलम् एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड- बीमा क्षेत्र-  सूरजपुर, जशपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा
5. यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड-  बीमा क्षेत्र-  बलरामपुर, जगदलपुर, नारायणपुर
6. फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड – कोण्डागाँव
7. एचडीएफसी ईरगो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड –  बीजापुर
            वैसे इस बीमा से लाखों किसानों में कुछ एक हजार किसानों को लाभ हुआ  और जिन्हें लाभ हुआ उसमें भी महज 25 रूपये से लेकर 3 -4 हजार रूपये तक. आरोप है कि इसमें सीधा और शुद्ध रूप से एक सौ पचास करोड़ का फायदा बीमा कंपनियों को हुआ है । इस पूरे मामले को लेकर अब आरटीआई कार्यकर्ता हाईकोर्ट में जाने वाले है।  वहीं मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की जा रही है।  इस दस्तावेजी आरोपों का सच क्या है और कौन-कौन इस पूरे मामले में दोषी है ? उसकी सच्चाई तब सामने आएगी जब कोई उच्च स्तरीय जांच हो।
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