भूखे मंत्री और….

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(संजय दीक्षित)

             
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भूखे मंत्री और…

एक नए-नवेले मंत्री को हल्के में लेना सरगुजा के लेबर आफिसर को महंगा पड़ गया। सरकार ने उन्हें सुकमा ट्रांसफर कर दिया है। बताते हैं, मंत्रीजी अपने लाव-लश्कर के साथ पिछले दिनों सरगुजा पहंुचे थे। उनके पेट में चूहे दौड़ रहे थे। सर्किट हाउस के स्टाफ से जब मंत्रीजी के लिए गरमागरम खाना लगाने के लिए कहा गया तो पता चला कि उसकी कोई व्यवस्था ही नहीं हुई है। अब, भूख तेज हो और पता चले कि खाना बना ही नहीं है, तो मंत्रीजी पर क्या गुजरी होगी, आप समझ सकते हैं। जाहिर है, उनका गुस्सा सातवे आसमान पर था। लेबर आफिसर को तलब किया गया। उसने भी तल्खी से जवाब दिया कि खाना का इंतजाम करना उसका काम नहीं है…..प्रोटोकाल अधिकारी को यह देखना चाहिए। इस पर मंत्रीजी भड़क गए। अफसर पर कार्रवाई करने के लिए तत्काल रायपुर के आला अफसरों को फोन लगवाया गया। और, लेबर आफिसर नप गए। 3 सितंबर को उनका धुर नक्सल एरिया के लिए आर्डर निकल गया।

कलेक्टरों को निर्देश

आईएएस रणबीर शर्मा केस में सरकार और ब्यूरोक्रेसी की फजीहत होने के बाद यंग आईएएस अफसरों को कंट्रोल करने के लिए अपर लेवल में कई प्लान बनाए जा रहे हैं। कलेक्टरों को जल्द ही निर्देश जारी हो सकते हैं कि वे युवा अफसरों को ठीक से ट्रेंड करें। साथ ही, उन पर नजर भी रखें। यंग आईएएस अगर रिश्वतखोरी में लिप्त होते हैं, तो उन्हें तत्काल टाईट करें। और, उसकी सूचना जीएडी को दें। लेकिन, मानें तब तो। सीएम के फोन के बाद कांकेर कलेक्टर ने तो कोशिश की थी। मगर कोई फर्क नहीं पड़ा। युवा आईएएस जल्दी में जो हैं।

नहीं चली मंत्री की

भल्ला मामले में तीखे बोलकर नए मंत्री महेश गागड़ा ने प्रेशर बनाने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि पीसीसीएफ अपाइंटमेंट की जानकारी मंत्री को दी जानी चाहिए। मगर इसका कोई फायदा नहीं हुआ। दो दिन पहले हुए 23 आईएफएस अफसरांे के ट्रांसफर में वन मंत्री की एक नहीं चली। सरकार में टाप के दो अफसर बैठे और आर्डर निकल गया। कौशलेंद सिंह को वन विभाग मंे डेवलपमेंट विभाग देने का बड़ा जोर था। वन मुख्यालय का पीसीसीएफ के बाद डेवलपमेंट ही मलाईदार विभाग माना जाता है। मगर नान एपीसोड के चलते कौशलेंद के नाम को खारिज कर दिया गया।

सिस्टम का दोष

मंत्रालय में दसवीं, बारहवीं पास अधिकारियों के चलते गुरूवार के रोज सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। एक वीवीआईपी के इलाज के स्वीकृति आदेश में अंडर सिकरेट्री ने अंकों में लिखी राशि में प्वाइंट के बदले कोमा लगाकर राशि कई गुना बढ़ा दी। दोपहर में सोशल मीडिया में जब आर्डर की कापी वायरल हुई तो सरकार हरकत में आई। फाइल चेक की गई तो पता चला प्वाइंट और कोमा के चलते दो अंक बढ़ गया। फिर, सरकारी आदेशों में अंकों में राशि के साथ बे्रेकेट में शब्दों में उसे लिखा जाता है। मगर मूल आदेश में शब्दों में लिखा ही नहीं गया। सरकार की ओर से देर शाम ओरिजनल आर्डर की कापी जब पोस्ट की गई तब जाकर सोशल मीडिया में कमेंट्स का दौर थमा। दरअसल, मंत्रालय में अंडर सिकरेट्री से लेकर ज्वाइंट सिकरेट्री तक इस टाईप के अफसरों की खासी तादात है। हायर एजुकेशन के अफसर 10वीं पास मिल जाएंगे। मंत्रालय का सिस्टम ही ऐसा है कि पीएमओ से अगर कोई लेटर आएगा, तो उसे अंडर सिकरेट्री उसे नोट बनाकर उपर के अफसरों के पास पुटअप करेगा। अधिकांश अंडर सिकरेट्री मैट्रिक पास हैं। अब, आप कल्पना कर सकते हैं।

डीएम बनेंगे डीजी

11 सितंबर को दिल्ली में आईपीएस कैडर का रिव्यू है। इसमें डीजी का एक पोस्ट बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है। याने डीजी के अब दो पद हो जाएंगे। अभी एक पोस्ट हैं। और, एक एक्स कैडर पोस्ट। कुल दो। इस पर तीन डीजी हैं। एएनए उपध्याय, डब्लूएम अंसारी और गिरधारी नायक। अंसारी डेपुटेशन पर थे। इसलिए, उपध्याय और नायक डीजी बन गए थे। अंसारी बाद में लौटे तो उन्हें स्पेशल परमिशन लेकर डीजी बनाया गया। अब, दो पोस्ट स्वीकृत होने पर दो एक्स कैडर पोस्ट होंगे। याने चार। पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी डीएम अवस्थी अगले साल जनवरी में डीजी के लिए आवश्यक अर्हता 30 साल की सर्विस पूरी कर लेंगे। ऐसे में, उन्हें चैथा डीजी बनना तय समझा जा रहा है।

स्मार्ट थाना

राजधानी का आमानाका थाना छत्तीसगढ़ का पहला स्मार्ट थाना होगा। भारत सरकार ने सभी राज्यों में माडल के तौर पर एक स्मार्ट थाना बनाने के लिए कहा था। इसके बाद मंत्रालय में गृह और पुलिस विभाग के आला अफसरों की मीटिंग में आमानाका पर सहमति बनी। स्मार्ट थानों के लिए केंद्र सरकार ने हाईटेक मापदंड तय किए हैं। इनमें फरियादियों की बैठने की बढि़यां व्यवस्था होंगी, साफ-सुथरा टायलेट होगा, गार्डन होगा। कंप्यूटरीकृत सिस्टम रहेगा। अब, सवाल मौजू है कि स्मार्ट थाना को चलाएगा कौन? क्या थाने का स्टाफ भी स्मार्ट होगा?

अच्छी खबर

छत्तीसगढ़ पीएससी ने शुक्रवार को कमाल कर दिया। मेडिकल कालेजों के लिए प्रशासकीय अधिकारी एवं नर्सिंग कालेजों की फैकल्टी के लिए हुए साक्षात्कार के घंटे बाद नेट पर रिजल्ट डाल दिया। इंटरव्यू देकर घर नहीं पहुंचे थे कि उम्मीदवारों को बधाइयां मिलने लगी। यही नहीं, इससे एक दिन पहले मेडिकल कालेज के 98 प्राध्यापकों के सलेक्शन में भी पीएससी ने देर नहीं लगाई। बढि़यां है। पीएससी का अब पुराना दाग धुल जाएगा। दागदार हो चुकी सूबे की भरती संस्थाओं को देर से सही, सरकार ने साफ-सुथरी छबि के अफसरों के हवाले किया है, तो इसके रिजल्ट तो मिलेंगे ही। रिटायर आईएएस आरएस विश्वकर्मा दो महीने पहिले पीएससी के चेयरमैन बनाए गए। वहीं, एसएस बजाज अब व्यापम के प्रमुख अपाइंट किए गए हैं।

हफ्ते का व्हाट्सएप

पति-राजा दशरथ का नाम सुना है?
पत्नी-हां, सुना है।
पति-उनकी तीन रानियां थीं।
पत्नी-हां, पता है।
पति-तो मैं दो और शादी कर सकता हूं।
पत्नी-इंद्राणी मुखर्जी का नाम सुना है?
पति-रहने भी दे पगली, तू तो दिल से ले लेती है।

अंत में दो सवाल आपसे

1. कांग्रेस नेता अजीत जोगी और चरणदास महंत के बीच तल्खी बढ़ने की असली वजह क्या है?
2. किस मंत्री का बेटा भी बंगले से डिलिंग चालू कर दिया है?

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