जीवन को संवारने का माध्यम है खेल

Chief Editor
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khel diwas

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       बिलासपुर। खेल व्यक्तित्व को निखारने, समय प्रबंधन, खेल भावना को बढ़ाने एवं जीवन को संवारने का सबसे उपयुक्त माध्यम है। यह बात गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अंजिला गुप्ता ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर कहीं।

राष्ट्रीय खेल दिवस पर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट्स एरिना में शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कुलपति बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। इस अवसर पर शारीरिक शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वी एस राठौड़ ने कहा कि खेलों के जरिये आप जीवन में अनुशासन, एकाग्रता, सकारात्मक विचार, संगठन क्षमता, सामाजिक सरोकार और हार-जीत को समभाव से देखने की कला को खेल-खेल में ही सीख जाते हैं।

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के बीच बास्केटबॉल का दोस्ताना मैच खेला गया। इससे पहले शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रात: 7 बजे रैली निकाली गई जिसमें 200 से ज्यादा विद्यार्थियों एवं शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रोफेसर विशन सिंह राठौड़, संजीत सरदाना, रत्नेश सिंह व विभाग के अन्य शिक्षकगण एवं हिंदी विभाग के  मुरली मनोहर सिंह आदि शामिल हुए। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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