जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक चुनाव– प्रत्याशी जीता संगठन हारा

BHASKAR MISHRA
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IMG_20150902_130447बिलासपुर— जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक संचालक चुनाव में आज संगठन की हार और प्रत्य़ाशियों कीIMG_20150902_122020 जीत हुई है। बिल्हा और मुंगेली पथरिया संचालकों के लिए हुए चुनाव में आज जमकर क्रास वोटिंग हुई। बिल्हा से संगठन प्रत्याशी त्रियोगी नाराय़ण शर्मा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। उम्मीद की जा रही थी। त्रियोगी को संगठन का विश्वास हासिल है लेकिन उन्हें पूर्व डायरेक्टर के समर्थक अम्बिका प्रसाद तिवारी के हाथों कांटे की टक्कर में हार का सामना करना पड़ा है।

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                 मालूम हो कि बैंक का कोरम पूरा करने में 11 संचालकों की जरूरत थी। 9 संचालक पूर्व में निर्विरोध जीत चुके हैं। आज मुंगेली पथरिया और बिल्हा डायरेक्टर का चुनाव हुआ। मुंगेली पथरिया में रामकमल सिंह ने एक तरफा जीत हासिल करते हुए प्रकाश सिंह को 3 के मुकाबले 13 वोटों से हराया। रामकमल सिंह को सांसद लखनसाहू, मंत्री पुन्नू लाल मोहिले और लोरमी विधायक तोखन साहू के अलावा पूर्व चेयरमैन देवेन्द्र पाण्डेय का आशीर्वाद हासिल था। भाजपा नेता नयन सिंह ने बताया कि वोटरों ने रामकमल सिंह पर विश्वास किया है। इस विश्वास को वे हमेशा बनाए रखेंगे। किसानों और गरीबों के 24 घंटे काम करेंगे।

                     राम कमल सिंह की जीत पर गिरीश शुक्ला,प्रकाश सिंह,नयन सिंह ने खुशी जाहिर की है।

               बिल्हा संचालक पद का चुनाव काफी कांटे का रहा। यहां कुल 15 वैध मत में से त्रियोगी नारायण शर्मा को सात मत मिले। जबकि अम्बिका प्रसाद तिवारी ने 8 वोट हासिल किया है। अम्बिका प्रसाद तिवारी को पूर्व चेयरमैन का कन्डीडेट बताया जा रहा है। त्रियोगी नारायण शर्मा संगठन के सहयोग से मैदान में उतरे थे। लेकिन उन्हें एक वोट से हार का सामना करना पड़ा है।

                   जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव संचालक मंडल सात तारीख को करेंगा। जानकारी के अनुसार पूर्व चेयरमैन देवेन्द्र पाण्डेय ने हाईकोर्ट में अपने नामांकन को रद्द किये जाने की चुनौती दी है। देवेन्द्र खेमे को पूरा भरोसा है उन्हें स्टे आर्डर मिल जाएगा। देवेन्द्र पाण्डेय का दुरपा आदिवासी विकास समिति से एक मात्र नामांकन दाखिल है। यदि कोर्ट उन्हें स्टे दे देता है तो उन्में संचालक के चुना हुआ माना जाएगा। ऐसी सूरत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में काफी गरम माहौल देखने को मिल सकता है।

                   एक अन्य जानकारी के अनुसार अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव के बाद 10 संचालकों का संयोजन किया जाएगा। ऐसी सूरत में देवेन्द्र पाण्डेय बैंक का दरवाजा खुला मिल सकता है। बहरहाल अभी यह कयास लगाया जा रहा है कि जिला सहकारी बैंक में चुनकर आने वाले सभी डायरेक्टर देवेन्द्र पाण्डेय के ही है। जाहिर सी बात पाण्डेय के इशारे पर जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुना जाएगा।

              अन्दर से मिली जानकारी के अनुसार जिला सहकारी बैंक की हालत काफी खस्ता है। कई कद्दावर और देवेन्द्र विरोधियों ने जानबूझकर चुनाव में सीधा सीधा भाग नहीं लिया। उन्हें यह मालूम है कि बैंक को चलाने के लिए कम से कम चार सौ करोड़ की जरूरत है। जिसमें 200 सौ करोड़ की आवश्यकता तत्काल है। एक पुराने सदस्य ने तो अधिकारियों से मांग की है कि बैंक को ओआईसी को दे दिया जाए।

             बैंक का चुनाव सुबह 9 बजे धीमी प्रक्रिया के साथ शुरू हुआ। दोपहर तक कार्यालय में भारी गहमा गहमी का माहौल देखने को मिला। जीत की घोषणा के बाद लोगों ने जमकर रंग गुलाल उड़ाया। बैंक चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव संयोजक निर्मल तिर्की, चुनाव अधिकारी डी.आर.ठाकुर. सहायक चुनाव अधिकारी अनिल कुमार वनक और मुकेश अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे।

                   बैंक में आम सभा का भी आयोजन किया गया । जिसमें जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबधित सभी समिति पदाधिकारी उपस्थित हुए।

                     परिणाम की घोषणा जिला सहकारी बैंक के चुनाव अधिकारी डी.आर.ठाकुर ने की।

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