रायपुर। रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में कृषि और उद्यानिकी फसलों पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन संचालित करने की कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक उद्योग विभाग को यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुरूप राज्य सरकार अपने स्वयं के संसाधनों से इस मिशन का संचालन करेगी। चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य स्तरीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन शुरू करने के लिए 12 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। डॉ. सिंह ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा मिलने पर राज्य के किसानों को अपनी फसलों के लिए बेहतर बाजार मिलेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में वाणिज्य और उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास की संभावनाओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। अधिकारियों ने बताया कि औद्योगिक विविधता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को छत्तीसगढ़ में फोकस सेक्टर के रूप में देखा जा रहा है। राज्य सरकार ने विगत छह महीने में इस सेक्टर में पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए सात समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौता ज्ञापनों के अनुसार संबंधित कम्पनियों द्वारा छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना पर लगभग एक हजार 200 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा राज्य में दो मेगा फुड पार्क की स्थापना की भी योजना है। इनमें भी काफी बड़ा निवेश आकर्षित होगा। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष दिए गए प्रस्तुतिकरण में अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछले वित्तीय वर्ष 2014-15 में 56 लाख 98 हजार मीटरिक टन साग-सब्जियों का उत्पादन हुआ, जो उसके पिछले साल के मुकाबले पांच प्रतिशत अधिक था।
बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार और छत्तीसगढ़ विद्युत कम्पनी के अध्यक्ष शिवराज सिंह, ऊर्जा विभाग और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, वित्त विभाग के सचिव अमित अग्रवाल, सचिव वाणिज्य एवं उद्योग सुबोध कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक सुनिल मिश्रा, विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंध संचालक अंकित आनंद और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।