नसबंदी कांड में मौत , अमानक दवाई के कारण

Chief Editor
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रायपुर ।    मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को  यहां मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के बाद पंचायत, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री  अजय चन्द्राकर ने मीडिया प्रतिनिधियों को इन फैसलों की जानकारी दी। उनकी प्रेस वार्ता में सचिव एवं आयुक्त जनसम्पर्क  गणेश शंकर मिश्रा भी उपस्थित थे। श्री चन्द्राकर ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज केबिनेट में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर राज्य के स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता अभियान संचालित करने का निर्णय लिया गया। इसके अन्तर्गत राज्य के स्कूलों का अगले माह सितम्बर की 16 और 17 तारीख को मूल्यांकन विशेष ग्रामसभाओं में होगा।

श्री चन्द्राकर ने बताया कि शासकीय कर्मचारियों की सेवा शर्तो, वेतन विसंगतियों, भर्ती, क्रमोन्नति और पदोन्नति प्रकरणों के युक्तियुक्तकरण सहित प्रशासनिक कार्यों में सुधार के लिए राज्य प्रशासनिक सुधार गठित करने का फैसला भी आज केबिनेट की बैठक में लिया गया। इसके अलावा बिलासपुर जिले के नसबंदी प्रकरणों की जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग की रिपोर्ट की अनुशंसाओं का पालन करने और इन अनुशंसाओं के तहत दोषी अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर  स्वास्थ्य विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई करने, अमानक और विषाक्त औषधियों (सिप्रोसिन-500 और आईब्रुफेन-400) की निर्माता एवं विक्रेता कम्पनियों के खिलाफ विधि के अनुसार अभियोजन की कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया गया। श्री चन्द्राकर ने बताया कि केबिनेट में प्रदेश की खेती-किसानी और बारिश की स्थिति की भी समीक्षा की गयी। अल्पवर्षा अथवा खण्ड वर्षा वाले इलाकों में किसानों को राहत पहुंचाने के हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को किसानों के लम्बित सिंचाई पंप कनेक्शनों के मामले तत्काल हल करने, बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा बिजली ट्रांसफार्मरों के बेहतर रख-रखाव आदि के बारे में आवश्यक निर्देश दिए। सिंचाई व्यवस्था आदि के बारे में भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए। श्री चन्द्राकर ने बताया कि राज्य में आज 26 अगस्त तक 731 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो पिछले साल का 90 प्रतिशत और विगत दस वर्षोें की औसत का 86 प्रतिशत है। चालू खरीफ मौसम में राज्य में 45 लाख 31 हजार हेक्टेयर में बोनी हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 102 प्रतिशत है।

  •     बिलासपुर नसबंदी प्रकरण में जांच आयोग का प्रतिवेदन – बिलासपुर जिले के सकरी में आठ नवम्बर 2014 और गौरेला, पेण्ड्रा एवं मरवाही में 10 नवम्बर 2014 को नसबंदी शिविर आयोजित किए गए थे। इन शिविरों में 13 महिलाओं की मृत्यु हो गई थी और अन्य अनेक महिलाओं का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया था। घटना की जांच के लिए राज्य शासन द्वारा एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग 13/11/2014 की अधिसूचना द्वारा गठित कर सात बिन्दु निर्धारित किए गए थे। शासन को 10 अगस्त  को आयोग द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। आयोग के निष्कर्षों के अनुसार नसबंदी शिविरों में अमानक एवं विषाक्त औषधियों के वितरण तथा चिकित्सकीय लापरवाही के फलस्वरूप यह घटना हुई। मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया कि जांच प्रतिवेदन में घटना के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया गया है, उनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। नसबंदी शिविरों में वितरित की गई अमानक एवं विषाक्त औषधियों (सिप्रोसिन- 500 और आईब्रुफेन-400) की निर्माता एवं विक्रेता कम्पनियों के विरूद्ध विधि के अनुसार अभियोजन की कार्रवाई की जाए। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जांच प्रतिवेदन में सुझाए गए उपायों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा और  सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कार्रवाई की जाए।

 

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