महिलाओँ ने साढ़े- पाँच सौ रुपए में बनाया वाटर फिल्टर

Chief Editor
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water filter

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रायपुर ।   छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा जिला मुख्यालय  जगदलपुर, दंतेवाडा़ और नारायणपुर में स्थानीय कुम्हारों और महिला समूहों को वाटर फिल्टर निर्माण का  प्रशिक्षण दिया गया है। जिसमें 80 महिलाओं के लिये आठ प्रशिक्षण कार्यक्रम रखें गए । इनके द्वारा निर्मित 800 और कुम्हारों द्वारा निर्मित 500 वाटर फिल्टर का निर्माण किया गया है, जिन्हें संस्था द्वारा निःशुल्क ग्रामीण परिवारों को वितरित किये गये।

नारायणपुर में कुमारी सुखाय पोटाई, श्रीमती सुकरवती, श्रीमती कौशल्या तथा अन्य 30 महिलाएं शामिल हुई ।प्रशिक्षण में जिला  दंतेवाडा में श्रीमती शुकल दई, श्रीमती सुकरीदेवी, और श्रीमती बुलबुल बधेल एवं अन्य 40, महिलाओं ने भाग लिया । इसी प्रकार जगदलपुर में दिए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम में  श्रीमती रायमती, श्रीमती सोनमती, और श्रीमती मोहाता हियाल सहित 10 अन्य महिलाओं को वाटर फिल्टर निर्माण में प्रशिक्षित किया गया एवं इन क्षेत्रों के 800 परिवारों, शालाओं व कार्यालयों को निःशुल्क वाटर फिल्टर वितरित किया गया है जिसके उपयोग से इन महिलाओं के परिवारो को शुद्ध पेय जल प्राप्त हो रहा है। इस एक 15 लीटर के वाटर फिल्टर की न्यूनतम लागत लगभग 550 रूपए मात्र आती है।
द्वितीय चरण में जिला दंतेवाड़ा में वाटर फिल्टर के निर्माण में प्रौद्योगिकी उन्नयन कर शुद्ध जल एकत्रीकरण हेतु कुम्हारों के माध्यम से 500 वाटर फिल्टर का निर्माण कराकर  स्थानीय शालाओं एवं कार्यालयों में निशुल्क वितरित किये किए गए हैं । अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 1000 नग वाटर फिल्टर का निर्माण एवं वितरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सुकमा के माध्यम से किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। जिला दंतेवाड़ा में वाटर फिल्टर के निर्माण मेंप्रौद्योगिकी उन्नयन कर शुद्ध जल एकत्रीकरण हेतु कुम्हारों के माध्यम से जार बनवाया गया हैै। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वाटर प्रशिक्षण का कार्यक्रम दो चरणों में किया गया । प्रथम चरण मे टाटा कंसलटेन्सी सर्विसेस लिमिटेड पूना के तकनीकी सहयोग से विकसित एवं सेंटर ऑॅफ साईस फॉर विलेजेस, वर्धा, महाराष्ट्र द्वारा विकसित कम लागत के वाटर फिल्टर के निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया ।
विभागीय अधिकारियों द्वारा बताया गया कि  उक्त वाटर फिल्टर के जल नमूनों का परीक्षण  दंतेवाड़ा जिला के सहायक कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी द्वारा कराया गया । उनकी रिपोर्ट के अनुसार वाटर फिल्टर से  फिल्टरित जल पूर्णतः लौह अशुद्धि से मुक्त पाया गया है। जिसके कारण इस  वाटर फिल्टर की मांग लगातार बनी हुई है। वही स्थानीय कुम्हारों और महिला समूहों को अतिरिक्त आय एवं रोजगार प्राप्त हो रहा है। स्थानीय लोगों में इसके प्रति जागरूकता पैदा हो रही है। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि आने वाले समय में प्रत्येक जिले में उक्त वाटर फिल्टर के निर्माण एवं वितरण की योजना है ।

 

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