जब लक्ष्मीनाथ ने कहा…भीतरघात से मिली हार…बिल्हा को नहीं मिला साहू समाज का नेता..कांग्रेस जीतेगी सीट

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— दो दिन पहले सरगांव में कांग्रेस दावेदारों को लेकर  बंद कमरे में समन्यवक की उपस्थिति में बूथ,सेक्टर जोन प्रभारियों के बीच रायशुमारी हुई। रायशुमारी के पहले दावेदारों ने अपनी बातों को तर्क के साथ पेश किया। सभी ने अपने समर्थन में कुछ ना कुछ तर्क दिए। कई लोगों ने बताया कि कांग्रेस में लम्बे समय से सिपाही बनकर काम कर रहे हैं। कुछ ने जातीय समीकरण के साथ अपने योगदान को सबके सामने रखा।
                       युवा नेता लक्ष्मीनाथ साहू ने बताया कि कांग्रेस उनकी सांसो में है। छात्र जीवन से ही कांग्रेस से उनका नाता रहा है। 2009 – 2012 -2016 में युवा कांग्रेस संगठन चुनाव में सक्रियता से भाग लिया। अधिकांश बूथों में सदस्यता के माध्यम से कार्यकर्ता तैयार किया।वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के निर्देश पर निर्वाचित होकर बूथ अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, विधानसभा कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पार्टी की सेवा करने का अवसर मिला। इस दौरान गांव मजरा टोला के अंतिम व्यक्ति तक कांग्रेस की रीति नीति को पहुचाने का काम किया। लक्ष्मीनाथ ने बताया कि पार्टी ने उन्हें इस समय प्रदेश सचिव संगठन की जिम्मेदारी दी है। आज भी युवाओं के साथ बूथ स्तर पर काम कर रहा हूं। युवाओं का भरपूर समर्थन भी मिल रहा है।
                       युवाओं में अच्छा खासा लोकप्रिय लक्ष्मीनाथ ने रायशुमारी के पहले बूथ सेक्टर जोन प्रभारियों के सामने अपनी बातों को रखने के बाद बताया कि पार्टी का आदेश सिर आंखों पर है। यदि पार्टी ने मौका दिया तो संगठन और अपनी टीम के साथ जनता के लिए काम करूंगा। लक्ष्मी ने बताया कि 2003 से लगातार सामान्य कार्यकर्ता से लेकर ज़िम्मेदार पदाधिकारी के रूप में ईमानदारी से 100 प्रतिशत सक्रियता का निर्वहन किया है। ब्लाक और ज़िला कांग्रेस से सामंजस्य बनाकर पार्टी निर्देशों का पालन किया है। यदि संगठन ने मौका दिया तो  दावेदारों से अच्छे सम्बन्धों का भी लाभ मिलेगा।
की फैक्टर बनेगा साहू मतदाता
                      लक्ष्मीनाथ साहू ने बताया कि यद्यपि चुनाव में लोकप्रियता के आधार पर जीत का ग्राफ तय होता है। लेकिन सामाजिक भूमिका का भी असर जीत हार पर पड़ता है। बिल्हा विधानसभा में साहू समाज से लगभग 40 हजार से अधिक  मतदाता हैं। साहू समाज के ज्यादातर मतदाता यानी करीब 75 प्रतिशत मतदाता भाजपा के साथ जुड़े हैं। कांग्रेस से साहू प्रत्याशी बनाए जाने से सामाजिक एकजुटता का फायदा मिलेगा। 50 से 60 प्रतिशत साहू मतदाता कांग्रेस को वोट करेंगे। जाहिर सी बात है कि भाजपा के वोट में विखराव होगा। ऐसे में भाजपा की हार निश्चित है।
                लक्ष्मी के अनुसार साहू समाज का एक बड़ा वोट बैंक करीब 8- 9 मतदाता मेरे निवास स्थान मतलब नगर पालिका तिफ़रा में रहती है। समाज के साथ अन्य लोगों ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए उत्साहित किया। साहू समाज ही नहीं मुझे अन्य समाज ने हमेशा बच्चों की तरह प्यार दिया। युवाओं ने उन पर विश्वास किया। यही कारण है कि मुजे संगठन के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर रहकर कार्य करने का मौका मिला।
            लक्ष्मीनाथ साहू ने बताया कि वर्तमान में ज़िला साहू संघ युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष के पद पर हूं। समाज के साथ अन्य जिम्मेदारियों को सक्रियता के साथ निभा रहा हूँ। क्षेत्र के अधिकांश गाँवों में पारिवारिक रिश्तेदारियां भी हैं। इसका हमेशा मुझे लाभ मिला है।
भीतरघात से मिली हार
                               बताते चलें कि लक्ष्मीनाथ साहू बिल्हा विधानसभा के सबसे अधिक 26 हजार मतदाता वाले नगर पालिका तिफ़रा से चार साल पहले 2014 में नगर पालिका तिफ़रा से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा है। लेकिन लक्ष्मीनाथ साहू को हार का सामना करना पड़ा। हार के कारणों को लेकर फिलहाल लक्ष्मीनाथ साहू अब कुछ नहीं बोलते। लेकिन लोगों का मानना है कि तत्कालीन कांग्रेस विधायक वर्तमान छजकाँ नेता ने भीतरघात कर निर्दलीय प्रत्याशी को लक्ष्मीनाथ साहू के खिलाफ मैदान में उतारा। जिसके कारण परंपरागत वोट में बंटवारा हो गया। विधायक समर्थकों ने लक्ष्मीनाथ साहू को अर्श से फर्श पर पटक दिया।
                 भीतरघात के कारण लक्ष्मीनाथ साहू चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे। मात्र 536 मतों से रामू साहू से हार मिली। मामले में लक्ष्मीनाथ साहू ने खुलकर तो कुछ नहीं बोला लेकिन उन्होने बताया कि मैं आज भी समाज के साथ समाज से ऊपर उठकर तिफरा वासियों की सेवा करता हूं। मुद्दों को बेबाकी के साथ प्रशासन के सामने रखता हूं। जनता को मलाल है कि भीतरघात को समझने में नाकामयाब हुए। क्षेत्र का विकास नहीं होने से जनता में मेरे प्रति विश्वास बढ़ा है। जनता के प्यार और सहयोग से तिफरा ही नहीं बल्कि बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में आज भी सक्रिय हूं। क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा हूँ।
कांंग्रेस वोट वैंक में वृद्धि
                अपनी दावेदारी को लेकर पूरी तरह से आत्मविश्वास से लवरेज लक्ष्मीनाथ ने बताया कि कांग्रेस  विधानसभा चुनाव 2013 और लोकसभा चुनाव 2014 में नगर पालिका तिफ़रा से 3500 और 4500 मतों  से पीछे रही कांग्रेस अब बहुत मजबूत है। निकाय चुनाव में भीतरघात के बावजूद मुझे मात्र 536 से वोटों से हार मिली। जाहिर सी बात है कि लगातार सक्रियता से कांग्रेस के मतों में काफ़ी वृद्धी हुई है। क्षेत्र में कांग्रेस मजबूत हुई है। यदि संगठन ने मुझ पर विश्वास किया तो निश्चित रूप से इसका फायदा मिलेगा।
साहू समाज से प्रत्याशी नहीं
                       लक्ष्मीनाथ ने बताया कि बिल्हा विधानसभा में साहू मतदाता विनिंग फैक्टर हो सकते हैं…और होते भी हैं। बावजूद इसके आज तक किसी भी पार्टी ने साहू उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। बिल्हा विधानसभा परंपरागत काग्रेस सीट है। लेकिन साहू समाज का जुड़ाव भाजपा से है। यदि कांग्रेस ने किसी साहू को दावेदार बनाया तो आप या जनता कांग्रेस की बात दूर…भाजपा को भी मुंह की खानी पड़ेगी।
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