छत्तीसगढ़ के रिटायर फौजियों के जज्बे को सलाम…नौजवानों को दे रहे फौज में जाने की ट्रेनिंग…

Chief Editor
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लोरमी(योगेश मौर्य)।पूरा  देश जानता है कि सरहद पर तैनात फौजी जवान किस तरह से देश की हिफाजत करते हैं…और उनकी सुरक्षा के बीच हम चैन की नींद सोते हैं..। लेकिन रिटायर होने के बाद भी देश सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं, लोरमी के दो रिटायर फौजी.।जिन्होने फौज में जाना चाह रहे नौजवानों को ट्रेनिंग देने का काम अपने स्तर पर शुरू किया है और लोगों में देश प्रेम की भावना जगा रहे हैं।अपने देश के प्रति कुछ कर गुजरने की ललक हर किसी के अंदर  होती है ।  देश सेवा के लिए हर होई किसी न किसी तरीके से देश सेवा भाव से कार्य करता है ।  जिसमे लोग खेल,सेना,अधिकारी,कर्मचारी और भी कई रूप में कार्य करके अपनी सेवा देते है। इसी कड़ी में देश की सीमा पर सेना की कई टुकड़ियों को तैनात किया जाता है  । जो कि कश्मीर राजस्थान जैसे जगहों पर जाकर अपनी सेवा देते है। आज हम कुछ ऐसे ही दो रिटायर्ड सेनानी की बात करने जा रहे हैं, जो कि सेना से रिटायर  हो चुके हैं इसके  बाद भी उनके मन में देश सेवा का जज्बा बना हुआ है। हम बात कर रहे है लोरमी ब्लॉक के रिटायर्ड सैनिक संतोष साहू और नायब सोनसिंह राजपूत की जो सेना से रिटायर होने के बाद क्षेत्र के युवाओं को सेना में जाने की ट्रेनिंग दे रहे है।  जिसके लिए युवाओं को किसी तरह की कोई राशि नही देनी पड़ रही है। इन दोनों रिटायर्ड सैनिकों की इस पहल से अभी तक ट्रेनिंग लेने के लिए करीब 80 से 90 युवा रोजाना पहुच रहे है ।  जिन्हें आर्मी में जाने से पहले जो ट्रेनिंग दी जाती है उसी तर्ज पर युवाओं को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। साथ ही भर्ती होने से पहले लिखित परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों  के बारे में भी बताया जा रहा है।
आपको बतां दे की जिन सैनिकों के द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है उनमें से मैदानी तोपखाना के रिटायर्ड सैनिक संतोष साहू जो की आर्मी में 17 वर्ष की सेवा देने के बाद रिटायर हुए है  । 17 वर्ष की सेवा के दौरान उन्होंने 12 वर्षो तक कश्मीर में अपनी सेवा दी। साथ हो सोनसिंह राजपूत जिन्होंने 16 वर्षो तक आर्मी में सेवा दी है ।  ये ऐसे शख्स है जिन्होंने कश्मीर घाटी की ऐसी जगह में अपनी सेवा दी है ,जहाँ पर आम आदमी 1 घण्टा भी नही टिक सकते इन्होंने सियाचिन में माईनस 60 डिग्री वाले बर्फीली इलाको में अपनी सेवा प्रदान की है।पुलिस,आर्मी,वायु सेना,नौसेना में जाने की इक्षुक युवाओं को विभिन्न संगठनों और एकेडमी के माध्यम से ट्रेनिंग और उससे सम्बन्धित जानकारी दी जाती है  । जिसके एवज में उनसे मोटी रकम भी ली जाती है। लेकिन संतोष साहू और सोनसिंह राजपूत ने जो ट्रेनिंग चालू की है उसमें क्षेत्र के युवाओं को निःशुल्क  प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही प्रशिक्षण लेने आये युवाओं में जिन युवाओं के पास ड्रेस –  जूते  नही होते उन्हें इनके द्वारा ये सारी चीजे भी उपलब्ध कराई जाती है।
लोरमी क्षेत्र से  सेना की विभिन्न विभागों में अपनी सेवा देने वाले इक्षुक युवाओं को इस तरह की ट्रेनिंग देने की पहली बार कोशिश की गयी है ।  जिससे युवाओं में काफी जोश और उमंग है। ट्रेनिंग दे रहे संतोष साहू ने बताया कि हमने यहाँ के युवाओं को ट्रेनिंग देने की शुरुवात की है  । जिसके कारण 80 से 90 युवा यहाँ प्रशिक्षण लेने आ रहे है  ।  जिन्हें हम दोनों रिटायर सैनिकों के द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।  साथ ही जो वर्तमान में आर्मी में अपनी सेवा दे रहे है जब वो छुट्टियों में घर आते है तो उनके द्वारा भी इन युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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