बिलासपुर— लघु वेतन शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई है। कलेक्टर पशासन से लिखित शिकायत कर कर्मचारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद भी आदिवासी विकास विभाग कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रहा है। 2018 और 2006 के पहले के कर्मचारियों को ज्वाइनिंग देने से इंकार कर दिया है।
आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर लघु वेतन शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। कर्मचारियों ने बताया कि सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग के बिल्हा,मस्तूरी,कोटा पेन्ड्रा तखतपुर गौरेला मरवाही के जलवाहक,रसोइया,सफाई कर्मी कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन में बैठे थे। मांग पर मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद आंदोलन को 3 अगस्त को आंदोलन खत्म किया गया।
मुख्यमंत्री ने कर्मचारी नेता बिन्धेश्वर रौतिया को बताया कि आंदोलन से हटें उनकी मांग को पूरा कर दिया जाएगा। लेकिन आदिवासी विकास विभाग ने नई शर्त थोपकर कर्मचारियों को ज्वाइनिंग देने से इंकार कर दिया है।
कर्मचारियों ने बताया कि आदिवासी विभाग सहायक आयुक्त का कहना है कि 2006 और 2018 के पहले वाले किसी कर्मचारियों को ज्वाइनिंग नही दी जाएगी। जबकि मुख्यमंत्री से बातचीत के दौरान ऐसा शर्त नहीं थोपा गया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि कर्मचारियों को ज्वाइनिंग दी जाएगी।
कर्मचारियों ने अपने गुहार में कहा कि जिला प्रशासन सहायक आयुक्त पर कर्मचारियों को सेवा में रखने के लिए दबाव बनाए। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशों का पालन कराने का कष्ट भी करें।