नई दिल्ली-सोमवार को देश भर के शहरों में रहने के लिए एक सर्वे ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स की सूची जारी का गई जिसमें रहने के मामले में अव्वल शहरों का नाम है। यह सूची केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी की गई है जिसमें करीब 111 बड़े शहरों को शामिल किया गया है। इस सूची के अनुसार रहने के मामले में पुणे देश का नंबर एक शहर है, वहीं देश की राजधानी दिल्ली का नाम टॉप 10 तो क्या टॉप-50 में भी नहीं है।जीवन सुगमता सूचकांक (Livability Index) के तहत राजधानी दिल्ली 65वें नंबर पर है। वहीं महाराष्ट्र के शहर नवी मुंबई और ग्रेटर मुंबई दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। बड़े शहरों के मामले में अव्वल उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु का कोई भी शहर टॉप 10 में जगह नहीं बना सका। उत्तर प्रदेश का रामपुर शहर इस सूची में सबसे अंतिम पायदान पर है।
केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी जीवन सुगमता सूचकांक (लिवेबिलिटी इंडेक्स) के टॉप 10 शहरों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजधानियों को जगह मिली है।मंत्रालय ने 111 बड़े शहरों के बारे में जारी इस सूची में राजधानी दिल्ली काफी पिछड़ गई। गौरतलब है कि इस साल दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर काफी बवाल मचा था। जिसके कारण दिल्ली की स्थिति काफी पिछड़ गई है।
टॉप 10 शहरों की सूची में चौथे नंबर पर तिरुपति, पांचवें नंबर पर चंडीगढ़, छठे नंबर पर ठाणे, 7वें नंबर पर रायपुर, 8वें नंबर पर इंदौर, 9वें नंबर पर विजयवाड़ा और 10वें नंबर पर भोपाल है।केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि जीवन सुगमता सूचकांक चार मानदंडों-शासन, सामाजिक संस्थाओं, आर्थिक एवं भौतिक अवसंरचना पर आधारित है। चेन्नई को 14वां और नई दिल्ली को 65वां स्थान मिला है। पुरी ने कहा कि कोलकाता ने सर्वेक्षण में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था।
उन्होंने बताया कि इस सूची में पहले 116 शहरों को शामिल करने की योजना थी। इसमें सभी 100 स्मार्ट शहरों और वैसे शहर जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा थी उसे इसमें शामिल किया गया।हावड़ा, न्यू टाउन कोलकाता और दुर्गापुर ने इस सर्वे में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था। नया रायपुर और अमरावती सर्वे के पैरामीटर में फिट नहीं बैठे क्योंकि ये ग्रीनफील्ड सिटी हैं। सर्वे में शहरों को 100 अंकों के जरिए 15 कैटिगरी और 78 मानकों पर रखा गया।संस्थानिक और सोशल पैरामीटर के 25-25 अंक निर्धारित थे। सबसे ज्यादा नंबर फिजिकल पैरामीटर के थे और 5 अंक इकनॉमिक पैरामीटर के थे।