बिलासपुर।न्यायधानी में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि प्रदेश के कर्मचारियों को 30 वर्ष के सेवाकाल में चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाएगा ।इस घोषणा के विपरीत छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग ने कर्मचारियों को तीन स्तरीय वेतनमान देने का आज आदेश जारी किया है ।इस आदेश का छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ बहिष्कार करते हुए इसे अस्वीकार करने का निर्णय लिया है ।प्रदेश में अफसरशाही कितना निरंकुश है ,इसका इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा ? मुख्यमंत्री के सार्वजनिक घोषणा के विपरीत वित्त विभाग ने आदेश जारी कर यह बता दिया कि प्रदेश में वास्तविक शासन किसका चल रहा।
शासन ने समयमान वेतनमान देने में 100 करोड़ व्यय होने का जो आंकड़ा दिया है वह भी काल्पनिक और मनगढ़ंत है। तीन स्तरीय वेतनमान से कर्मचारियों को अधिकतम 200 से ₹ 500 तक का लाभ होगा । छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पी आर यादव ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि शासन द्वारा जारी तीन स्तरीय वेतनमान आदेश में संशोधन कर मुख्यमंत्री के घोषणा अनुसार चार स्तरीय वेतनमान का आदेश जारी करें ।
इसी तरह सातवें वेतनमान का एरियर भी 6 किस्तों में देने की घोषणा से कर्मचारियों में असंतोष है । एरियर्स का पहला किस्त मार्च 2019 तक मिलेगा ।यदि त्वरित इन आदेशो पर पुनर्विचार नहीं किया गया तो कर्मचारी संघ व्यापक स्तर पर आंदोलन का निर्णय लेगा।