इधर पंचनामा कार्रवाई..उधर शिकार लेकर चला गया तेंदुआ…लोगों की बंध गयी घिघ्घी..रतनपुर की घटना

BHASKAR MISHRA
3 Min Read
बिलासपुर– भोदलापारा खोंगसा पहाड़ के नीचे तेंदुए ने बकरी बकरी का शिकार बनाया।जानकारी मिलने के बाद वन अमला मौके पर पहुचा। इसके पहले मृत बकरी की पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई होती। देखते ही देखते सबके सामने 50 फिट दूरी पर रखे मृत बकरी को लेकर तेंदुआ चला गया। मजेदार बात है कि किसी में हिम्मत नहीं हुई कि तेंदुओ को रोक सके। घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत है।
                     जानकारी के अनुसार घटना दोपहर करीब तीन बजे की है। रतनपुर करैहापारा निवासी दिलदार बेग ने अपनी बकरी को चराने की जिम्मेदारी चरवाहे को दी थी। चरवाहा बकरी को लेकर भोदलापारा स्थित खोगसा पहाड़ के पास लेकर गया। इसी दौरान जंंगल से तेंदुआ आया और बकरी पर हमला कर भाग गया। घटना को देखकर चरवाहे के होश उड़ गए।
             घटना के बाद भागते हुए चरवाहा गांव पहुंचा और बकरी मालिक को घटना की जानकारी दी। खबर मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पहुंच गयी। लोगों ने मौके पर बकरी को मृत पाया। इसके बाद मामले की जानकारी वन विभाग को दी गयी। मालूम हो कि इसके पहले भी वन अमला को क्षेत्र में तेंदुआ के आने की लगातार जानकारी मिल रही थी। इसलिए सूचना मिलते ही वन अमला आनन फानन में मौके पर पहुंच गया।
                      वन विभाग के कर्मचारी ने बताया कि मौके पर पर पहुंचकर मृत बकरी का मुआयना किया गया। इसके बाद मृत बकरी से करीब 50 फीट दूरी पर पंचनामा की कार्रवाई शुरू हुई। इस बीच तेंदुआ के खिलाफ वन अमले ने सर्चिंग अभियान चलाया। लेकिन तेंदुअा कहीं नजर नहींं आया।
               इसके बाद वन अधिकारियों ने बकरी मालिक और चरवाहे का बयान दर्ज करना शुरू किया। इसी बीच लोगों ने देखा कि मौके से मृत बकरी गायब हो चुकी है। कुछ लोगों ने बताया कि जब कार्रवाई हो रही थी उसी दौरान तेंदुआ तेजी से आया और शिकार लेकर भाग गया। यह सुनते ही ग्रामीणों के होश उड़ गये। देखते ही देखते लोग मौके से फरार हो गए। घटना के बाद लोगों में इस तरह की दहशत हो गयी कि शाम होने से पहले ही लोगों ने घर का दरवाजा बंद कर लिया।
गर्भ में था बच्चा  गर्दन में दांत के निशान
                    डिप्टी रेंजर देवकुमारी कुर्रे ने बताया बकरी गर्भ से थी। पहले जांच की गई तो मृत बकरी की गर्दन में तेंदुए की दांत के निशान थे। पेट भी फटा हुआ था। बकरी मालिक ने उसकी कीमत दस हजार रुपये बताई है। मालिक को गुरुवार को वन परिक्षेत्र कार्यालय बुलाया गया है। पूछताछ के बाद मुआवजे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
Share This Article
close