अधिकारियों की लालफीताशाही…संजय ने कहा..सीएम के प्रयासों पर फेर रहे पानी…1 जुलाई को वेतन मिलने की संभावना कम

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—शिक्षाकर्मी नेता संजय शर्मा ने बताया कि अधिकारी और कर्मचारी मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेरने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। प्रदेश के अधिकांश आहरण वितरण अधिकारी आज भी  वेतन नहीं डाल सके हैं।शिक्षा विभाग में  संविलयिन के बाद प्रदेश के सभी एलबी संवर्ग शिक्षकों का वेतन बिल अभी तक ट्रेजरी में पेश नहीं किया जा सका है। मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंंह की घोषणा के बाद प्रदेश के सभी एलबी शिक्षक एक तारीख को पहला वेतन लेने को तैयार हैं। लेकिन जानकारी मिल रही है कि प्रदेश के अधिकांश आहरण संवितरण अधिकारियों ने अभी तक ट्रेजरी में वेतन बिल नहीं डाला है।संजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश के उच्चाधिकारियों के लगातार निर्देश के बावजूद जिला शिक्षा अधिकारियों की उदासीनता से मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फिरना निश्चित है। छत्तीसगढ़ पंचायत,निगम शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार जिलों से जानाकरी मिल रही है कि 27 जुलाई तक प्रदेश के आहरण संवितरण अधिकारी हाथ पर हाथ रख कर बैठे हैं।  60 से 65 प्रतिशत आहरण संवितरण अधिकारियों ने वेतन बिल ट्रेजरी में जमा नहीं किया है। इसकी मुख्य वजह अधिकारियों की लालफीता शाही है। छोटी छोटी बातों को लेकर मात्र रोड़ अटकालने के लिए मार्गदर्शन मांगते रहते हैं।
संजय शर्मा ने राज्य शिक्षा सचिव और विशेष रूप से अनुश्रवण समिति की सराहना करते कहा कि निचले स्तर से उठने वाली प्रत्येक शंका का त्वरित समाधान किया जा रहा है। समिति की माने तो प्रक्रियात्मक जटिलताओं को जल्द से जल्द दूर करने का आश्वासन दिया है। देखना है कि अधीनस्थ आहरण संवितरण अधिकारी बड़े अधिकारियों के प्रयासों को कौन सी दिशा देते हैं। शनिवार को सीपीएस कर्मचारियों के वेतन बिल ट्रेजरी में लगाने का अंतिम दिन है। यदि 28 जुलाई तक नहीं लगा तो निश्चित है कि एलबी शिक्षकों को एक जुलाई का वेतन मिलना मुश्किल है.
संघ के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र कुमार सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रांतीय सचिव मनोज सनाढ्य, कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार एक जुलाई को वेतन आहरण नहीं हो पाता है तो इसके लिए जिम्मेदार आहरण संवितरण अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की जाएगी।
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