रायपुर।23 वर्षों से जारी विसंगतियों एवं तदर्थ पूर्ण नीतियों को समाप्त करते हुए संविलियन का ऐतिहासिक एवं साहसिक निर्णय प्रदेश के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने लिया और न केवल निर्णय बल्कि बहुत कम समय में इसको क्रियान्वयन हेतु आगे बढ़ाया। वर्तमान में संविलियन को मिशन मोड में आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से आगे निकल गया है। इस पूरी प्रक्रिया में मुख्यमंत्री के कुशल एवं निर्णायक भूमिका होने के साथ ही साथ मंत्री परिषद के समस्त सदस्य , मुख्य सचिव,समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी पूरी रणनीति के साथ सही दिशा में आगे बढ़ते हुए समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार इस पूर्ण करने लगे हुए है और इन सभी कार्यों का लगातार मुख्यमंत्री मॉनिटरिंग कर रहे है एवं समय समय सोशल मीडिया द्वारा बयान जारी करते हुए इस प्रक्रिया को गति भी दे रहे है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों का इस प्रक्रिया में योगदान सराहनीय है,एवं जिस क्षमता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है वह अपने आप में रिकॉर्ड है, 2 दिवस में 1 लाख से अधिक शिक्षाकर्मियों का ई कोष में पंजीयन कराना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इसे लेकर शिक्षा कर्मी संगठन के लोग मुख्यमंत्री,मंत्रिपरिषद समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति अपना आभार व्यक्त कर रहे हैंं।
छत्तीसगढ़ शिक्षक ( पंचायत / नगरीय निकाय ) मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे ने बताया कि कल तक 1 लाख 6 हजार शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन हो चुका है, यह शीर्ष नेतृत्व के कुशल रणनीति और प्रदेश के सभी शिक्षकों के सहयोग से यह संभव हुआ है । यह आम शिक्षकों की जीत है, जबकि मध्यप्रदेश में संविलियन की घोषणा 21 जनवरी 2018 को की गई थी परंतु आज पर्यंत वहां पर आदेश जारी नहीं किए गए हैं वीरेंद्र ने आगे बताया कि मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ के आंदोलन को देखकर वहां आंदोलन की रणनीति बनाई गई थी।
परंतु छत्तीसगढ़ में बड़े आंदोलन को शून्य में वापस लेने के पश्चात पुनः विधानसभावार आंदोलन, सेल्फी विद फैमिली, वॉल पेंटिंग, संकल्प सभा का आयोजन एवं सोशल मीडिया में संविलियन के लिए चलाए गए मुहिम के साथ ही साथ शासन की इच्छा शक्ति का परिणाम स्वरूप 10 जून को अंबिकापुर की सभा में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा संविलियन की घोषणा की गई।
प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे ने बताया कि संविलियन की इस प्रक्रिया में जहां शिक्षा विभाग में एकरूपता आई है । वहीं प्रदेश के 1 लाख 6 हजार शिक्षाकर्मियों के समस्याओं का अंत हुआ । पर 80 हजार सहायक शिक्षक पंचायत के वेतन विसंगति एवं वर्ष बंधन के दायरे में आने वाले 40 हजार शिक्षकों के कारण संविलियन अधूरा सा है । उन्होने प्रदेश के मुखिया से निवेदन किया हैं कि सभी शेष शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करते हुए संविलियन प्रदान करें,संगठन सभी शेष समस्याओं के निराकरण हेतु लगातार प्रयास करता रहेगा।