भोपाल।मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी और कांग्रेस पूरी तरह जुट चुकी हैं जिसके लिए दोनों ही पार्टियों द्वारा रैलियां, जनसभाएं, और जनसंपर्क अभियान शुरु कर दिए हैं. लेकिन इन सब चुनावी गतिविधियों के बीच कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है लेकिन मजे की बात ये है कि इस पत्र का जवाब भी सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है.कमलनाथ ने महाकाल को लिखे पत्र में कई बाते लिखी हैं और पत्र के अंत में लिखा है कि ‘महाकाल आप अंतर्यामी हैं, एक बार फिर ठगने वाले आपके सामने आ रहे हैं, छल व प्रपंच की तैयारी है. लेकिन अब आशीर्वाद नहीं, धोखे व कर्मों के फल देने का समय आ गया है. अब आप जनता को आशीर्वाद देकर उनके शिवराज सरकार के कुशासन से मुक्ति दिलाएं.’
लेकिन कमलनाथ का लिखा ये पत्र जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ इस पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं. और सबसे अलग एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो कमलनाथ की चिट्ठी के जवाब में एक ट्विटर यूजर ने नंदी की तरफ से कमलनाथ को भेजा है.मामला 13 जुलाई का है जब कमलनाथ ने उज्जैन के महाकाल के नाम से एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर प्रदेश की जनता के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए भगवान महाकाल से प्रार्थना करते हुए लिखा है कि मध्य प्रदेश को शिवराज के कुशासन से मुक्ति कराएं.
हे महाकाल जी
एक बार फिर जनता को ठगने वाले आपके सामने आशीर्वाद लेने आ रहे है
इस बार उन्हें नहीं जनता को आशीर्वाद देकर प्रदेश को शिवराज के कुशासन से मुक्ति दिलाए.. pic.twitter.com/nZm5fvuq47— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 13, 2018
मध्यप्रदेश को @ChouhanShivraj सरकार से मुक्त करा कर @INCIndia की सरकार बनवाने के लिए कॉंग्रेसी सांसद कमलनाथ ने कल भगवान शिव को एक खुला पत्र लिखा था।
भगवान शिव ने उस पत्र का जवाब आज दिया है। ये रही उसकी प्रतिलिपि। pic.twitter.com/OFSKbMXsmm
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) July 15, 2018
‘प्रिय कमलनाथ, आपका पत्र मिला. मैंने स्वयं महादेव को पढ़कर सुनाया, प्रभु बड़े भोले हैं, उन्होंने आपकी बातों पर विश्वास करते हुए आपकी इच्छा पूरी करने की बात कही… प्रभु ने अपना आशीर्वाद नारियल के रूप में आपके अपने ज्योतिरादित्य सिंधिया तक पहुंचाया, किंतु उन्होंने तिरस्कार कर दिया.’ इसके अलावा इस पत्र के अंत में लिखा गया है कि ‘मैंने भोलेनाथ से स्वयं आप सब लोगों को सद्बुद्धि देने की विनती की है. खयाल रखिए.’