बिलासपुर।शिक्षक (lb)सवर्ग के लिए नियम एवम् शर्ते तथा आवश्यक संशोधन हेतु राज्य शासन ने विभिन्न संघठनो से सुझाव 13 जुलाई तक मंगाए थे ।इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ व्यख्याता (पं)संघ के प्रान्ताध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ने स्कूल शिक्षा (अराजपत्रित)तृतीय श्रेणि व राजपत्रित सेवा भर्ती नियम में आवश्यक संशोधन हेतु सुझाव प्रस्तुत किया।जिनमे उन्होंने प्रमुख रूप से जिनकी पदोन्नति उच्च पद पर हुई है उनका क्रमोन्नत वेतनमान ने वेतन उन्नय्यन कर संविलयन करते हुए सातवां वेतनमान दिया जाये अन्यथा संविलियन महज एक औपचारिकता है। और मजबूरी में संविलयन स्वीकार कर रहे है।क्योकि जिन लोगो ने निम्न से उच्च पद धारण किया और पदोन्नति प्राप्त की उनका वेतन उन्य्य्यन हो गया और संविलयन भी ये उनका भाग्य है। उनका स्वागत करते है परन्तु जिन्हें पदोन्नति नह मिली उनके साथ अंन्याय है ।अतः क्रमोन्नति का अनिवार्य नियम बनाया जाये ।
कमलेश्वर ने प्राचार्य और प्रधान पाठक के पद पदोन्नति वरिष्ठता के आधार पर करने सिमित परीक्षा शब्द को नियम हटाने की मांग की व्यख्याता(lb) को स्कूल शिक्षा के कुल प्राचार्य पद के 50 % पद पर पदोन्नति देने ,25% नियमित व्यख्याता एवम् 25% पद पूर्व माध्यमिक प्रधान पाठक से पदोन्नति का सुझाव दिया ।व्यख्याता (lb) के पद पर पदोन्नति सहायक शिक्षक (lb)जिन्होंने 12 वर्ष की सेवा की हो और स्नाकोत्तर हो को विभागीय पदोन्नति परीक्षा करने ,शिक्षक(lb)और पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक को वरिष्ठता के आधार पर व्यख्याता पद पर पदोन्नति करने की मांग की है।
उन्होंने प्राथमिक /माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक एवम् हायर सेकेण्डरी के प्राचार्य पद पर पदोन्नति पूर्व पद की प्रथम नियुक्ति तिथि /कार्यभार तिथि से सेवा गणना कर वरिष्ठता के आधार पर करते हुए पदोन्नति दिया जाये ।शीघ्र ही असाधरण राजपत्र के माध्यम से व्यख्याता (lb)को राजपत्रित दुवितीय श्रेणि का कर्मचारी घोषित किया किया जाये ।भर्ती एवम् पदोन्नति के नियम शीघ्र प्रकाशित करते हुए पदोन्नति की भी कार्यवाही करने की मांग रखी ।
पदोन्नति परीक्षा के माध्यम से किसी भी स्थिति में न किया जाये नगरीय निकाय के शिक्षको का 1.4.2012 से cpf की कटौती नही की गयी है जिसे पिछले एक माह एवम् वर्तमान के माह के वेतन का 10% राशि काटने ,8 वर्ष की तिथि से छठवां वेतनमान के आधार पर 1.7.2018 तक के लिये वेतन तालिका (रेडिनेकनर)जारी करने की मांग संचालक लोक शिक्षण से की । प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा से समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन की गणना कर सातवें वेतनमान में वेतन पुनरीक्षण करने का अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया है इस पर विचार नही किये जाने पर न्यायालय के शरण में जाने को बाध्य होंगे।