वकीलों की मांग,महिला शिक्षाकर्मी को करें बर्खास्त…पुलिस कप्तान से बताया..फरार आरोपी पीडित परिवार पर बना रहे दबाव

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— अधिवक्ताओं ने पुलिस कप्तान और जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर आदिवासी बच्ची को प्रताड़ित करने और बंधक बनाने के आरोप में शिक्षिका शशि प्रभा सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अधिवक्ताओं ने पुलिस कप्तान और जिला पंचायत सीईओ से लिखित शिकायत कर बताया कि शशि प्रभा सिंह का पति पुलिस विभाग में एएसआई है। यद्यपि शैलेन्द्र सिंह को बर्खास्त तो कर दिया गया है लेकिन पुलिस ने अभी भी दोनों की गिरफ्तार नहीं की है।
                        अधिवक्ताओं ने पुलिस कप्तान को बताया कि शशि प्रभा सिंह और पति शैलेन्द्र सिंह, निवासी सिरगिट्टी ने मिलकर एक आदिवासी लड़की को लगातार दो सालो से बंधक बनाकर रखा। इस बीच उसके साथ लगातार मारपीट भी की। शशिप्रभा ने आदिवासी लड़की को उसके मातापिता से यह कहकर लाया था कि पढायेगी,लिखाएगी और घर पैसे भी भेजेगी। लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया। आदिवासी लड़की को लगातार दो सालों तक प्रताड़ित करती रही।
              4 मई 2018 में मामला सामने आने के बाद आरोपी शिक्षाकर्मी शशिप्रभा सिंह और उसके पति शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ संगीन धाराओ में मामला दर्ज किया गया। आरोपियों ने मामले को दबाने के लिए पीड़िता के पिता को किडनैप किया। झूठा शपथपत्र बनवाकर मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया। किडनैप का मामला सामने आने के शशिप्रभा सिंह समेत पति पर एक अन्य किडनैप का मामला भी सिरगिट्टी थाने दर्ज किया गया था।
                      मामला सामने आने के बाद सिविल लाइन थाने में पदस्थ शैलेन्द्र सिंह को पुलिस प्रशासन ने बर्खास्त कर दिया  लेकिन आज तक शशिप्रभा सिंह के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि शैलेन्द्र सिंह के साथ शशि प्रभा सिंह के खिलाफ सिरगिट्टी थाने में 294, 506,323,342,34 ipc, sc-st का 318, 327  के तहत मामला दर्ज है।  मामला साफ़ तौर पर मानव तस्करी का था, लेकिन मानव तस्करी का मामला आज तक दर्ज नहीं हुआ।
                 अधिवक्ताओं ने पुलिस कप्तान से बताया है कि शैलेन्द्र सिंह और उसकी पत्नी की गिरफ्तारी नही हुई है। ना ही मामले में जोड़ी जाने वाली धाराओं के सम्बन्ध में अब तक कुछ बताया ही गया है।  रिपोर्ट दर्ज हुए लगभग दो महीना बीत चुके हैं। अभियुक्त बाहर मजे से घूम रहे हैं। पीड़ित के परिजनों को लगातार डरा धमका रहे  है। केस वापस लेने को कह रहे हैं। अधिवक्ताओं ने बताया कि हाल ही में अभियुक्तों ने पीड़ित आदिवासी लड़की और उसके परिजनों पर मुकदमा वापस लेने के लिए धमकी दी है।
                          अधिवक्ताओं ने पुलिस कप्तान से कहा कि तथ्यों को संज्ञान में लेकर अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो। मामले में जिला पंचायत सीईओ को भी शिकायत कर अधिवक्ताओं ने कहा कि शिक्षाकर्मी शशि प्रभा सिंह को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
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