बिलासपुर–छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग अधिकारी नियम बनाने में माहिर हैं। लेकिन नियमों पर अमल देखने को कम ही मिलता है। प्रदेश के कमोबेश सभी जिलों में बैठे अधिकारी मनमुताबिक आदेश जारी कर तो देते हैं। लेकिन कब क्या आदेश निकाला उन्हें ही पता नहीं होता है। जिसके कारण प्रदेश के सभी जिलों में स्कूल लगने को लेकर भारी कन्फ्यूजन की स्थिति है। इससे पालक ही नहीं बल्कि स्कूल शिक्षक भी खासे परेशान हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के जिलास्तर अधिकारी कहते हैं कि हम कर ही क्या सकते हैं।
प्रदेश के कमोबेश सभी जिलों में शाला संचालन समय को लेकर अधिकारियों और शिक्षकों में काफी गफलत की स्थिति सामने आयी है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी मनमाफिक आदेश निकाल रहे हैं। जिसके चलते प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्कूलों का संचालन अलग अलग समय पर हो रहा है। विशेष तौर पर शनिवार को शाला संचालन समय को लेकर आदेश में काफी दुविधा की स्थिति है । पिछले सत्र में शाला संचालन समय में इतने अधिक बार परिवर्तन किया गया कि अब विभाग के अधिकारियों को ही याद नहीं कि अंतिम आदेश क्या था। दुविधा में पड़े अधिकारी अपने पास उपलब्ध आदेश को ही अंतिम मानकर शैक्षणिक सत्र का समय सारणी जारी कर रहे हैं। जिसके चलते अलग-अलग जिलों में अलग-अलग समय सारणी तैयार हो गयी है। बच्चे, पालक और शिक्षक असमंजस की स्थिति में है ।
प्रदेश के लगभग सभी जिलों में शनिवार को शाला संचालन समय को लेकर सबसे अधिक दुविधा है। सूरजपुर जिले में शनिवार को एक पाली में संचालित होने वाले स्कूलों का समय सुबह 7 से दोपहर 1 बजे है। बेमेतरा और बालोद जिले में शनिवार को स्कूल का समय सुबह 9 से दोपहर 1:30 बजे तक है। इन सबसे अलग मुंगेली में शनिवार को भी स्कूल का समय अन्य दिनों के जैसे ही रखा गया है। प्राइमरी और मिडिल स्कूल की कक्षाएं सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक हैं। हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की कक्षाएं दोपहर 12 से 5 बजे तक संचालित होनी हैं। बिलासपुर में भी स्कूलों की स्थिति कमोबेश कुछ ऐसी हैं। जिले के सभी स्कूलों के समय सारिणी में जमीन आसमान का अन्तर है। मजेदार बात है कि सभी स्कूल जिला शिक्षा विभाग के आदेश का पालन कर रहे हैं। लेकिन किस आदेश का उन्हें खुद ही पता नहीं है।
नवीन शिक्षा कर्मी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार नामदेव ने बताया कि प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में शाला संचालन का समय एक होना चाहिए। हमेशा से ऐसा ही होता आया है। लेकिन बीते वर्ष शाला संचालन के समय में कई बार परिवर्तन हुआ। कई बार आदेश जारी हुए। जिसके कारण शिक्षक भ्रम की स्थिति में है। अंतिम आदेश कौन सा है इसे लेकर खुद जिला स्तर के अधिकारी भी दुविधा में है। अमित ने बताया कि जरूरत इस बात की है कि फिर से एक बार शाला संचालन को लेकर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी स्पष्ट आदेश जारी करें। जिससे प्रदेश के सभी स्कूलों में एकरूपता बनी रहे।
अमित नामदेव ने कहा कि शासन एक आदेश निकालकर पिछले शिक्षा सत्र की तरह प्रदेश के सभी शाला संचालन का समय एक करे।