बिल्हा, बोदरी,पेण्ड्रीडिह को मिलाकर बना विकास का खाका

Chief Editor
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बिलासपुर।  बिलासपुर  विकास की मास्टर प्लान योजना पुनर्विलोकन प्रारूप का विमोचन मंगलवार को  दोपहर 02 बजे देवकीनंदन दीक्षित सभागृह में संभागायुक्त सोनमणि बोरा, नगर निगम के महापौर  किशोर राय द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रभारी कलेक्टर  जे.पी.मौर्य, नगर निगम आयुक्त श्रीमती रानू साहू भी उपस्थित थे।
मास्टर प्लान के प्रारूप प्रकाशन के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए संभागायुक्त  सोनमणि बोरा ने कहा कि बिलासपुर विकास योजना के पुनर्विलोकित प्रारूप में एक-एक नागरिक की अपेक्षा और निवेशकर्ता की आवश्यकताओं के अनुरूप योजना बनाने का प्रयास किया गया तथा जीवंत नगर की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान में पर्यावरण व वन्यप्राणियों, पशु-पक्षियों के लिए भी एक प्रतिशत स्थान आरक्षित करने की योजना है। जो धरोहर हमारे पास है उनकों संरक्षित करने और मूक प्राणियों के लिए वातावरण निर्माण करने का प्रयास इस योजना में शामिल है। योजना में यातायात कनेक्टविटी पर बहुत ध्यान दिया गया है। जो बिल्डर्स और डेव्हलेपर्स के लिए भी बहुत उपयोगी होगी। यातायात की बेहतर योजना से सभी क्षेत्रों में लाभ होगा। श्री बोरा ने कहा कि वाणिज्यिक गतिविधियों पर भी ध्यान दिया गया है। यह योजना विकेन्द्रिकृत विकास के लिए है। बिल्हा, बोदरी, पेण्ड्रीडीह आदि क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए विकास का खाका तैयार किया गया है। पब्लिक प्राईवेट पार्टनशिप के बिना बिलासपुर विकास की योजना का क्रियान्वयन संभव नहीं है। पीपीपी में निवेश की बहुत संभावनाएं हैं तथा उन्होंने लोगों से अपील है कि वे इसका लाभ उठाएं। श्री बोरा ने कहा कि बिलासपुर विकास योजना की क्रिन्यावयन से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हजारों आजीविका के अवसर प्राप्त होंगे। बढ़ते हुए बिलासपुर शहर में किफायती आवास मुहैया कराना भी एक चुनौती है। साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर प्रयास करने होंगे। श्री बोरा ने आशा व्यक्त किया कि बिलासपुर विकास योजना के संबंध में अच्छे सुझाव मिलेंगे। जिससे बेहतर कार्य किया जा सकेगा। प्रारूप 2031 को उन्होंने विकास का एक अच्छा पड़ाव बताया। उन्होंने बताया कि बिलासपुर विकास की योजना अरपा विकास योजना से पृथक है।
महापौर श्री राय ने कहा कि प्रदेश में राजधानी के बाद दूसरा बड़ा शहर बिलासपुर है। हम सभी के प्रयास से बिलासपुर को आने वाले समय में स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त होगा। इसके लिए प्रारूप 2031 महती भूमिका निभाएगा। शहर महानगर में तब्दिल होगा। हर छोटी-बड़ी चीजों का समावेश इस प्रारूप में किया गया है। यातायात की समस्या से निजात मिलेगी। उद्योग, मनोरंजन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में भी बेहतर व्यवस्था बनेगी। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वे अपना अमूल्य सुझाव दें। जिससे यह मास्टर प्लान बिलासपुर को प्रदेश ही नहीं वरन देश में एक नई पहचान देगा।
संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश बिलासपुर ने बिलासपुर विकास योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उक्त प्रारूप के संबंध में आमजन से आपत्ति एवं सुझाव आमंत्रित किए जाने हेतु प्रारूप की प्रदर्शनी 9 सितंबर  तक कलेक्टर कार्यालय, नगर पालिका निगम कार्यालय एवं कार्यालय संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश नई कम्पोजिट बिल्डिंग बिलासपुर में आयोजित की गई है।
उक्त स्थलों पर आमजन अपने आपत्ति एवं सुझाव कार्यकारी दिवसों में लिखित में प्रस्तुत कर सकते हैं। 30 दिवस की अवधि के उपरांत छ.ग. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 17 ’क’ के अंतर्गत शासन द्वारा गठित विकास योजना समिति द्वारा सुनवाई की जायेगी। जिसकी सूचना आपत्तिकर्ता सुझाव देने वालों को अलग से दी जायेगी। उ
इस अवसर पर उपस्थित क्रेडाई के अध्यक्ष  एस.पी. चतुर्वेदी एवं अन्य नागरिकों ने भी अपने सुझाव रखें। कार्यक्रम में बिलासपुर विकास योजना प्रारूप के संबंध में प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

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