शिक्षाकर्मियों के बीच विकल्प पत्र भरने को लेकर असमंजस..शंकाओँ को दूर करने ठोस पहल की उठ रही माँग..

Chief Editor
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रायपुर।संविलयन की प्रक्रिया के दौरान शिक्षा कर्मियों के बीच इस सरकारी औपचारिकता को लेकर बड़ी चर्चा है , जिसमें संविलयन चाहने वाले और नहीं चाहने वाले शिक्षा कर्मियों से विकल्प पत्र भराए जाने की बात हो रही है। इसे लेकर शिक्षा कर्मियों के बीच भ्रम की स्थिति बन रही है । एक तरफ 8 साल की सेवा पूरी नहीं कर पाने वाले शिक्षा कर्मी हैंं, जिन्हे संविलयन का लाभ नहीं मिल रहा है और संविलयन की मांग को लेकर वे फिर से आंदोलन शुरू करने की तैयारी में है। इसी तरह बड़ा हिस्सा  शिक्षा कर्मी वर्ग – 3 का है जिसे क्रमोन्नति और वेतन विसंगतियों की वजह से संविलयन के बाद भी लाभ कम मिलता दिखाई दे रहा है। ऐसे तमाम लोगों के सामने अहम् सवाल है कि विकल्प भरें या नही…।
इस मुद्दे पर जब शिक्षा कर्मी नेताओँ से बात की गई तो मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। लेकिन  यह बात भी उभरकर आ रही है कि ऐसी भ्रम की स्थिति न बने इसके लिए सरकार को कैबिनेट फैसले की संक्षेपिका को सार्वजनिक करने के साथ ही इससे जुड़ी शंकाओँ को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।
मोर्चे के नेता व अन्य संघो के नेता मुख्यमंत्री व मंत्रियों सहित कई अधिकारियों से  मिल चुके है। शिक्षा कर्मीयो का संविलियन की नियामवली ड्राफ्ट या संक्षेपिक को सार्वजनिक करने  और वर्ग तीन की वेतन विसंगतियों को दूर कर वर्ष बंधन समाप्त करने की मांग कर चुके है। एक ओर वर्ग तीन ऒर आठ वर्ष से कम में शिक्षा कर्मीयो का एक धड़ा 26 जून को रायपुर में एक दिवसीय सांकेतिक आंदोनल कर चुका है। और आगे उग्र आंदोलन की चेतावनी दे चुका है।
इस बीच आम शिक्षा कर्मीयो में हलचल बढ़ गई है। आम शिक्षा कर्मी के मन मे कई सवाल है।औऱ सबसे ज्यादा सवाल तो आठ वर्ष से कम  के शिक्षा कर्मी और वर्ग तीन के शिक्षा कर्मीयो के मन मे उठ रहे है। शिक्षा सचिव की वीडियो कांफ्रेसन के बाद जिला शिक्षा अधिकारियों ने कुछ दिशा निर्देश जारी किए थे उसमे सबसे महत्वपूर्ण है कि ऐसे शिक्षाकर्मियों से विकल्प पत्र भरवाया जाए जो  संविलियन नहीं चाहते हैं और संविलियन नहीं चाहने वाले शिक्षकों का नाम वरिष्ठता सूची में शामिल नहीं किया जाए।
 दूसरे राज्यो में  संवलियन होने के बाद काफी बवाल हुए है। शायद यही वजह हो कि शिक्षा कर्मीयो से विकल्प पत्र भरवाया जा रहा है। शिक्षक मोर्चा कुछ संघो को संवलियन विरोधी पहले ही कह चुका है। यह प्रश्न ही नही उठता है कि  मोर्चा की ओर से कोई शिक्षक विकल्प पत्र में यह नही लिखेगा कि संविलियन नही चहिये।अब बचते है शिक्षा कर्मीयो के संविलियन में वेतन विंगति और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करने वाले नेता और उनके समर्थन में खड़े शिक्षा कर्मी क्या विकल्प पत्र में संवलियन नही चाहिए … ये लिखेंगे ..?
सहायक शिक्षक पंचायत कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष  भूपेंद्र बनाफर ने अपने एक प्रेस नोट में  बताया कि  संविलयन पाने के अतिउत्साह में हम फार्म भरने में जल्दी न करें । कैबिनेट की बैठक जो 18/6/18को हुई थी उसकी संक्षेपिका देख ले। उन्होंने बताया कि  राज्यपाल द्वारा अनुमोदित आदेश की कापी देखकर ही संविलयन फार्म भरे  ।आप सब जिस भी संघ से जुड़े हैं उन नेताओं से कलीयर आदेश और नियम कानून की मांग करें ।
कहा कि हम आज किसी भी कागज में बिना देखे साइन नहीं करते तो फिर संक्षेपिका या फिर राजपाल का आदेश देखे बिना संविलयन फार्म में साइन करना हमारे लिए गलत साबित न हो ।  इसलिए ये सावधानी रखें… अगर ये बातें शासन क्लीयर नहीं करती है तो कोई भी संविलयन फार्म न भरे कहीं ऐसा न हो आपके साथ कोई भी संविलयन के लालच में खिलवाड़ करे अगर शासन कोई भी गलत बातें संविलयन की आड़ में अगर थोपेगी तो छत्तीसगढ़ के सारे संघ मिलकर अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा करें ।
उन्होने सभी संगठनों से अपील की है कि  आम शिक्षक पंचायत सहायक शिक्षक पंचायत के जीवन से खिलवाड़ न हो  । इसलिए आपसी वैमनस्य भुलाकर हम सब छत्तीसगढ़ में बड़ी  अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा करें  ।
शासन हमें संक्षेपिका और राज्यपाल द्वारा अनुमोदित आदेश पहले दिखाते फिर हम संविलयन फार्म भरे  । सभी मित्र सावधान रहें ।
 
शिक्षक कल्याण संघ के मीडिया प्रवक्ता अखिलेश शर्मा ने बताया कि ये सरकार की ये नीति समझ से परे है।पर संविलियन का विकप्ल हम हाँ में ही भरेंगे। संविलियन तो स्वीकार ही  है। बाकि इस विषय पर अभी संघ के पदाधिकारी आपस में मिल कर चर्चा करेंगे।शिव सारथी सहायक शिक्षक पँचायत  ने बताया कि संविलियन हम सभी शिक्षाकर्मीयो की बहुप्रतीक्षित और महत्वपूर्ण माँग रही हैं  ।
जिसके पूरा होने का हम स्वागत करते हैं पर वर्ग-3 अपने वेतन विसंगति और क्रमोन्नति की माँग पूरा नही होने से दुःखी हैं। सारथी ने बताया कि हमें पूरी उम्मीद थी कि इस बार मुख्यमंत्री  हमारी संविलियन सहित वेतन विसंगति भी दूर करेंगे। रही संविलियन पत्र स्वीकारने की बात तो निश्चित ही मुझे स्वीकार हैं पर मानव प्रकृति हैं सभी समस्याओं का समाधान चाहता हूँ  । उम्मीद हैं मुख्यमंत्री राजनीतिक नफा नुकसान को तौलते हुए येन वक्त पर वर्ग 3 को संतुष्ट करेंगे।
शिक्षा कर्मी नेता जाकेश साहू ने बताया कि उनका आठ वर्ष पूरा हो चुका है। इस लिए हम विकल्प पत्र में यही लिखेंगे कि हमें संविलियन स्वीकार है……!  रही बात शासन से लड़ाई की तो वो जारी रहेगी। जब तक वर्ग तीन की वेतन विसंगति और आठ वर्ष से कम के साथी शिक्षा कर्मीयो का संविलियन नही हो जाता है। तब तक हमारी सरकार से लड़ाई जारी रहेगी ।
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