सांसद पर कांग्रेसियों का हमला…बता दिया RSS का संविधान…पूछा..भाजपा लौहपुरूष को PM बनने से किसने रोका

BHASKAR MISHRA
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Randeep Surjewala, Congress, Pm Narendra Modi,बिलासपुर—कांग्रेस नेताओं ने सांसद लखन लाल साहू पर एक साथ धावा बोला है। कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के आपात काल पर दिए गये बयान की निंदा की है। कांग्रेसियों ने प्रेस नोट जारी कर प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेसियों ने कहा कि देश को लोकतांत्रिक ढांचा तैयार कांग्रेस नेताओं ने ही किया है। बाबा साहेब के संविधान के अनुरूप देश में लोकतंत्र स्थापित किया गया है। दरअसल काला दिवस मनाने वाले भाजपा नेताओं के मन और दिमाग ही काला है। सासद लखनलाल साहू का स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होने बयान भारत के संविधान के बारे में दिया है या फिर आएसएस के संविधान के बारे में कही है।

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                मालूम हो कि एक दिन पहले पत्रकार वार्ता में सांसद लखन लाल साहू ने बताया कि समूचा काला दिवस मना रहा है। आज के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोपा था। विपक्ष से लेकर बुद्धिजीवियों को बिना गलती के जेल में बंद किया गया। लाखों लोग सालों बाद जेल से रिहा हुए। तत्कालीन प्रधानमंत्री ने ऐसा कर लोकतंत्र का अपमान किया।

                              सांसद लखनलाल साहू के बयान पर कांग्रेसियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी महामंत्री अटल श्रीवास्तव, दोनों प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय,शैलेश पाण्डेय, ज़िला अध्यक्ष विजय केशरवानी,शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर ने कहा कि देश मे लोकतन्त्र की स्थापना कांग्रेस ने ही की । डॉ आंबेडकर,के बनाये गए संविधान में सभी जाति ,धर्मो को लोकतांत्रिक सम्मान दिया गया । सांसद पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि लखनलाल साहू ने पत्रकार वार्ता में कांग्रेस का इतिहास बताने की बजाय आरएसएस का इतिहास बता दिया है।

       कांग्रेस नेताओं ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि आज़ादी के पहले 1926 में आरएसएस की स्थापना हुई। दम हो तो सरकार 1926 से 1947 तक के क्रियाकलाप का श्वेत पत्र जनता के बीच जारी किया जाए। क्योंकि जनता का इतिहास दुरूस्त है। गांधी की हत्या से लेकर वर्तमान इतिहास तक खाकी हॉप पेंट और काली टोपी की गतिविधियों की जानकारी जनता है । आरएसएस मुख्यालय में आज भी तिरंगा झंडा नही फहराया जाता। आपात काल कुछ महीनों या साल का था। इस दौरान देश में बहुत सी सकारात्मक बातें हुई।

            कांग्रेसियों ने बताया कि विनोबा भावे ने आपात काल को अनुशासन पर्व भी कहा था । कांग्रेस नेताओं के अनुसार आपातकाल के लंबे अंतराल के बाद चर्चा के बजाए मोदी काल मे चार साल से अघोषित आपात काल की चर्चा होनी चाहिए। चार सालों में ईवीएम,जीएसटी, नोट बन्दी पर सवाल उठ रहे हैं। लोकतंत्र के सबसे बड़ा मन्दि संसद में सांसदों की बात नही सुनी जा रही है । सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों को अपनी बात प्रेस कांफ्रेंस लेकर कहानी पड़ रही है। बार बार नेहरू की जगह सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रधान मंत्री बनना था दुष्प्रचार किया जा रहा है। सवाल उठना लाजिम है कि नरेंद्र मोदी की जगह भाजपा के लौह पुरुष लालकृष्ण आडवाणी को प्रधान मंत्री क्यों नहीं बनया गया।

                    कांग्रेस नेताओं ने कहा भाजपा और सांसद लखनलाल साहू आपात काल की बरसी मनाने का ढकोसला बन्द करे । छत्तीसगढ़ राज्य के पुलिस परिवार काला दिवस मना रहे हैं। शिक्षाकर्मी और नर्स काला दिवस मना रही हैं। बस्तर में नक्सलवाद के नाम पर सरकार ने अघोषित आपातकाल लगा दिया है आदिवासी महिलाओं और युवतियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। कांग्रेस ने सांसद लखनलाल साहू को बताया कि पहले अपने पांच साल के शासनकाल को याद करें। जो इन दिनों समय चर्चा का विषय है।थाने के अंदर पुलिस अधिकारी को पीटा जा रहा है । क्या छत्तीसगढ़ में ऐसी घटनाओं के बाद भी लोक तन्त्र बचा है ? सांसद साहू के जवाब का इंतजार है।

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