शिक्षाकर्मी- वर्ग तीन की वेतन विसंगति आखिर है क्या ..?यहाँ पढ़िए संविलयन से पहले क्रमोन्नत वेतनमान देकर कैसे दूर किया जा सकता है आक्रोश..

Chief Editor
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रायपुर । छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षा कर्मियों के संविलयन की घोषणा और कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद भी इसे लेकर कयासों और अनुमानों का दौर जारी है। इस सिलसिले में यह बात भी उठ रही है कि संविलयन के इस मसौदे से शिक्षा कर्मी वर्ग – 3 को काफी नुकसान हो रहा है और पहले से चली आ रही वेतन विसंगति की वजह से उन्हे उम्मीद के हिसाब से लाभ नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा उन्होने अभी भी इसे लेकर अपनी बात रखते हुए प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखा है। जानकारों का कहना है कि संविलयन से पहले वेतन विसंगति दूर कर दी जाए तो इससे वर्ग -3 और सभी शिक्षा कर्मियों के आक्रोश को कम किया जा सकता है।
इस संबंध में जानकारों से बात की गई तो यह बात सामने आई  कि अविभाजित मध्यप्रदेश में शिक्षा कर्मी भर्ती एवम् सेवा की शर्ते नियम 1997 में ही वेतन विसंगति का बीजा रोपण हो गया था ।1997 में ही वेतन पुनरीक्षण नियम 1998 के समतुल्य वर्ग 01 को4000-100-6000, वर्ग02 को 3500-80-4700-100-5200 वर्ग03 को 2750-70-3800-75-44400 दिया गया होता तो विसंगति कम होती जाती ।  परन्तु वर्ग एक को 1200-40-200 वर्ग दो को 1000-30-1600 वर्ग तीन को 800-20-1200 दिया गया ।2003 में वेतन पुनरीक्षित किय गया  जिसमे वर्ग 01 को 3900, वर्ग 02 को 3250 और वर्ग 03 को 2750 वेतनमान स्वीकृत किया गया  । जबकि पांचवे वेतनमान में वर्ग 1 को 5500,वर्ग 02 को 5000 वर्ग 03 को 4000 वेतनमान देना था ।
शासकीय शिक्षको के समतुल्य वेतन का सिलसिला 2007 में संशोधित वेतनमान से शुरू हुआ ।जिसमे वर्ग को 5300,वर्ग 02 को 4500 वर्ग 03 को 3800 स्वीकृत किया  । जो नियमित शिक्षको के पांचवे वेतनमान से क्रमशः 200,500एवम् 200 कम किया गया था । वेतन विसंगति को कुछ हद सुधारने के लिए राज्य शासन ने दिनांक 2.11.2011 को शिक्षा कर्मियो के क्रमोन्नत योजना प्रारम्भ की ।  जिसमे एक ही पद पर 10 वर्ष की सेवा करने वाले गैर पदोन्नत शिक्षा कर्मियो को क्रमशः वर्ग एक को 6800 वर्ग दो को 5300 और वर्ग तीन को 4500 वेतनमान स्वीकृत कर 2.11.2011से आर्थिक लाभ दिया गया ।
राज्य शासन ने एक वर्ष पश्चात 1.5 .2012 को आदेश जारी कर अपने मूल पद में 7 वर्ष की पूर्ण तिथि में सेवा करने वाले शिक्षा कर्मी 01 को 7000-200-30000+4500 अध्यापन भत्ता वर्ग02 को 6000-175-25000+3500वर्ग 03 को 5000-150  -20000+2500 समयमान वेतनमान स्वीकृत किया गया ।क्रमोन्नत एवम् समयमान वेतन का सेवा पुस्तिका में संधारण भी किया गया ।
राज्य शासन ने अपने आदेश दिनांक 17.5.2013 के अनुसार 8वर्ष की पूर्ण तिथि में शिक्षा कर्मियो को शासकीय शिक्षको के समतुल्य छ.ग.वेतन पुनरीक्षण नियम 2009(3एवम् 04) की अनुसूची एक का वेतन बैंड वर्ग एक को 9300+34800+ग्रेड पे 4300 वर्ग दो को 9300-34800+4200 ग्रेड पे तथा वर्ग तीन को 5200-20200+2400 ग्रेड पे स्वीकृत किया गया ।यहाँ उल्लेखनीय बात है यह है कि शासकीय शिक्षको के समान वेतनमान तो स्वीकृत कर दिया गया ।  परन्तु 23 जून 2018 को जिस तरह शिक्षा सचिव ने 8 वर्ष की पूर्ण तिथि से वेतन रिवीजन करते हुए 1.7.2018 को प्राप्त वेतन का 2.57 से गुणा कर प्राप्त राशि को वेतन मैट्रिक्स में वेतन निर्धारण करने का निर्देश दिया है।
ठीक उसी प्रकार दिनांक 1.5.2013 को समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर 1.86से गुणा कर वेतन निर्धारण का आदेश दिया गया होता तो आज की स्थिति में वेतन विसंगति नही होती ।जबकि केवल वेतन निर्धारण नियम 07 को छोड़कर नियम 08 के तहत न्यूनतम में वेतन निर्धारण कर दिया गया ।नियम 05 को छोड़कर नियम 13 के तहत पदोन्नत वेतन के आधार पर वेतन पुनरीक्षण कर दिया गया ।
नियम 09 के तहत प्रत्येक वर्ष मूल वेतन का 3% वार्षिक वेतन वृद्धि ,नियम 10 के तहत प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि करने का नियम लागू किया तो नियम 07 के तहत विद्यमान मूल वेतन का 1.86 से गुणा करने ,नियम 05 के तहत समयमान/क्रमोन्नत वेतनमान में वेतन उन्नयन के आधार पर क्यों नही किया गया ?
जानकार कहते हैं कि  एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठ रहा समानुपातिक वेतनमान जो वाजिब नही है तो गैरवाजिब भी नही है  । परन्तु नियमित शिक्षको का भी 2400,4200एवम् 4300 ग्रेड पे है । यह मामला शासन स्तर का  है ।  यदि नियमित शिक्षको में उतपन्न इस वेतन विसंगति को दूर किया जाता है तो सवलियित शिक्षक (एलबी )सवर्ग के बीच भी सुधार हो जायेगा ।
अब सविलियन /सातवां वेतन देने की घोषणा के साथ महत्वपूर्ण बात ये है कि पिछले वेतनमान निर्धारण में हुई त्रुटि को कैसे सुधरा जाये ।पहला कि  समतुल्य वेतनमान में 1.5.2013 से पूर्व प्राप्त समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन पुनरीक्षण करते हुए वेतन की गणना की जाये तथा 1.7.2018 की स्थिति में प्राप्त विद्यमान मूल वेतन का 2.57से गुणांक कर वेतन किया जाये ।
दूसरा यह कि 8 वर्ष की तिथि में समतुल्य वेतनमान के न्यूतम में वेतन निर्धारण किया गया है ।प्रत्येक वर्ष वेतन वृद्धि करते हुए 10 वर्ष की तिथि में शासकीय शिक्षको के समान समयमान योजना के तहत प्रथम उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड में क्रमशः व्यख्याता को 4800,शिक्षक को 4400 एवम् सहायक शिक्षक (एलबी)को 4200 ग्रेड पे दिया जाये तथा छ.ग.वेतन पुनरीक्षण नियम 2017के नियम 05 के  1.7.2018 की स्थिति में क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण करने से वर्तमान में विसंगति पूर्ण वेतन से राहत मिल सकती है ।
छ.वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 नियम 06 के तहत विकल्प का प्रारूप प्रपत्र 05,विकल्प का प्रारूप अनुसूची -दो प्रपत्र -चार तथा प्रपत्र -एक में छ.वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के अंतर्गत वेतन नियतन किया जाये ।
जानकार कहते हैं कि  निष्कर्ष में  यह आवशयक है कि वेतन विसंगति  को समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर  वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम 07 (क)के तहत कर दूर किया जा सकता है  इससे वर्ग 03 सहित सभी वर्गो के आक्रोश को कम किया जा सकता है ।
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