बरबाद हो गया पेन्ड्रा फिजिकल कालेज मैदान,जनता कांग्रेस ने बनाया था युद्ध का मैदान..शक्ति प्रदर्शन के बाद छोड़ गए बरबादी के निशान,छात्र छात्राओं में आक्रोश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर(पेंड्रा)(सुशांत गौतम)।
कभी बहुत ही सुरक्षित कहा जाने वाला पेण्ड्रा फिजीकल कॉलेज खेल मैदान अब सबसे ज्यादा असुरक्षित बन चुका है। अब यहां छात्र छात्राओं का कम मवेशियों और अवारा तत्वों का जमघट सुबह शाम कुछ ज्यादा ही दिखाई देता है। छात्र छात्राओं से लेकर कुछ प्राध्यापकों ने बताया कि मैदान की दुर्गति के लिए केवल और केवल जनता कांग्रेस नेता और प्रबंधन के कुछ स्वनामधन्य लोग जिम्मेदार हैं। पहले तो  दीवार तोड़कर मैदान को शक्ति प्रदर्शन का स्थल यानि कुरक्षेत्र का मैदान बनाया गया। इसके बाद तोड़ी गयी दीवार को दुबारा बनवाना उचित नहीं समझा गया। अब रोज यहां सुबह शाम शराब की बोतलों से लेकर गोबर का ढेर देखने को आसानी से मिल जाता है। जिसके कारण छात्र छात्राओं को भारी किचकिच का सामना करना पड़ता है।

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                               करीब एक महीेने पहले फिजिकल कालेज मैदान पेन्ड्रा में जनता कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया। मैदान को चारो तरफ से घेरकर विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। इतना ही नहीं..मैदान को चारो तरफ से घेरने वाली दीवार को जगह जगह से तोड़कर प्रवेश द्वार बनाया गया। लेकिन कार्यक्रम के बाद जनता कांग्रेस के नेताओं ने बनाए गए अस्थायी प्रवेश द्वार को बंद करना उचित नहीं समझा। जिसके कारण मैदान अब सड़क तक जुड़़ गया है। यही कारण है कि अब मैदान में दो एक नहीं बिना दरवाजे के कई प्रवेश द्वार हो गए हैं। मवेशियों के अलावा अवारा पशुओं और असामाजिक तत्वों का मैदान में बेधड़क आना जाना शुरू हो गया है।मालूम हो कि पेन्ड्रा फिजीकल कॉलेज खेल मैदान का प्रदेश में अपना एक विशेष स्थान है। इतने बड़े खेल मैदान को बहुत कठिनाई से बचाया गया। लम्बी परेशानियों के बाद मैदान के चारो तरफ बाउंड्री वाल का निर्माण हुआ। लेकिन राजनेताओं ने खेल मैदान को चारागाह में बदल दिया है।

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छःजगह से तोड़ी गयी दीवार

                   बताते चलें कि 17 मई 2018 को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और मरवाही विधायक अमित जोगी ने खेल मैदान को सभा स्थल के लिए चुना गया। कार्यक्रम में आने वाली भारी भरकम भीड़ को देखते हुए मैदान की दीवार को पांच से छः जगह जेसीबी से तोड़कर प्रवेश द्वार बनाया गया। पंडाल के लिए मैदान में हजारों गड्ढे बनाए गए। कार्यक्रम खत्म होने के बाद राजनेता तो अपने घर चले गए। लेकिन अपने पीछे अव्यवस्था की पहचान लगता है हमेशा के लिए  छोड़ गए।जनता कांग्रेस के कार्यक्रम को पूरे एक महीने से ऊपर हो गए हैं। लेकिन मैदान के बड़े ब़ड़े गड्ढे और पांच छः जगहों से तोड़ी गयी दीवार आज भी नेताओं की तानाशाही का बखान कर रहे हैं।

टहलना बंद अब मवेशियों का जमघट

                 जानकारी देते चलें कि फिजीकल खेल मैदान में कालेज की लड़कियों को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है। शहर और आस पास के क्षेत्र के प्रतिभावान खिलाड़ी अपनी खेल गतिविधियों को यहां ऊंची उड़ान देते है। मैदान में सुबह चार बजे से सूर्योदय के कुछ समय बाद तक घूमने वालो की काफी भीड़ होती है। लेकिन इन दिनों बड़े बड़े गड्ढो के कारण दौड़ना और खेल प्रशिक्षण प्राप्त करना मुश्किल हो गया है। टहलने वालों की जगह मवेशियों ने ले लिया है।

                   अभी तक कई खिलाड़ी बड़े बड़े गड्ठों के शिकार हो चुके हैं। मजेदार बात है कि जोगी कांग्रेस कार्यक्रम के एक महीने बाद भी बांस के खंभे मुस्तैदी के साथ खड़े हैं। जिसके चलते खिलाड़ियों की परेशानी कई गुना बढ़ गयी है। मैदान को राजनीति का अखाड़ा बनाने की अनुमति देने वाले लोग अब ना केवल अव्यवस्था से मुंह छिपा रहे हैं बल्कि जिम्मेदारी लेने से बचने नए नए तर्क भी पेश कर रहे हैं।

आखिर जिम्मेदार कौन

                 सवाल उठता है कि आधा दर्जन से अधिक जगहों पर दीवार तोड़ने वाला आखिर है कौन है। आखिर वह इसकी जिम्मेदारी लेने को लेने को तैयार क्यों नहीं है। क्या कभी दुबारा दीवारे बनेंगी। फिर इसे बनवाएगा कौन..। क्या कभी गड्ढो को भरवाया जाएगा। ऐसे तमाम प्रश्न फिलहाल कालेज छात्र छात्राओं समेत शहर के आम नागरिकों के दिमाग में हैं। इन तमाम प्रश्नों के साथ परेशानियों को लेकर छात्र- छात्राओं में भी भारी आक्रोश है। आक्रोश इस बात को लेकर भी है कि आखिर मैदान को राजनीति का अखाड़ा बनाने का आदेश दिया ही क्यों गया।

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