रायपुर।प्रदेश के समस्त शिक्षाकर्मियों ने मोर्चा पर विश्वास व्यक्त करते हुए संविलियन,वेतन विसंगति,क्रमोन्नति,अनुकम्पा,सातवां वेतनमान,स्थानांतरण,अप्रशिक्षितों का प्रशिक्षण सहित 9 सूत्रीय मांगों को लेकर असरकारक और जबरदस्त आंदोलन किया।जिसके परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ने 10 जून को अंबिकापुर में अमित शाह के सामने संविलियन की घोषणा की और विगत 18 जून को कैबिनेट में संविलियन एवं सातवाँ वेतनमान को स्वीकृत करने की जानकारी मिडिया,मुख्यमंत्री एवं मंत्रीगणों के बयानों के माध्यम से सार्वजनिक की गई।किन्तु अब तक न ही इस सबन्ध में अधिसूचना या राजपत्र सामने आई है। न ही अधिकृत रूप उक्त आशय की सूचना मोर्चा को प्रदान की गई है।जिसके कारण समस्त शिक्षाकर्मियों के बीच संविलियन की शर्तों,प्रक्रिया,क्रियान्वयन,वेतन निर्धारण,क्रमोन्नति/समयमान,वेतन विसंगति का निराकरण, वरिष्ठता आदि अन्यान्य मुद्दों को लेकर असमंजस व्याप्त है,तथा अनेक तरह की आशंकाएं कर्मचारियों के मन मे है।
वर्तमान समय मे वो लोग जो आंदोलन के समय, आंदोलन से बाहर हैं,लिखकर शासन की गोद मे बैठे थे। अथवा ऐसे लोग जो अनावशयक अफवाहों और अटकलों को प्रसारित कर विभिन्न वर्ग समूहों की भावनाओ से खिलवाड़ कर संविलियन हेतु प्रदेश में अराजक स्थिति पैदा कर रहे है।जिसका समाप्त होना आवश्यक है।शिक्षाकर्मियों के मन की आशंकाओं का भी निराकरण आवश्यक है ताकि प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की आशाओं और मंशानुरूप संविलियन प्रदान किया जा सके।
इस हेतु मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा,विरेन्द्र दुबे और केदार जैन ने मंत्रालय में मुख्यसचिव और शिक्षासचिव से मुलाकात करने का प्रयास किया किन्तु अपरिहार्य कारणों से मुलाकात न हो सकी।
मोर्चा ने मुख्यसचिव को विधिवत पत्र लिखकर उपरोक्त समस्याओं के लिए किए समाधान की जानकारी तथा अपनी मांगों को लेकर मिलने का समय मांगा है।अतः प्रदेश के समस्त शिक्षाकर्मी साथी अपना धैर्य बनाये रखें। मुख्यसचिव से मुलाकात बाद ही समस्त स्थितियां स्पष्ट होंगी।
प्रदेश संचालकगण
*संजय शर्मा,विरेन्द्र दुबे,केदार जैन*
*शिक्षक पँ ननि मोर्चा छग*