…शिक्षाकर्मी संचालकों ने कहा..संशय और विसंगतियों को रखेंगे आलाधिकारियों के सामने..सीएम को दिया धन्यवाद

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—शिक्षक मोर्चा ने संविलियन तोहफा के बाद मुख्यमंत्री से मिलकर धन्यवाद जाहिर किया है। इसके अलावा शिक्षक मोर्चा संचालकों ने संविलियन की शर्तों को हटाए जाने का भी अनुरोध किया है। सीएम से मिलकर शिक्षक मोर्चा संचालक संचालक समेत अन्य साथियों ने बताया कि संविलयन में 8 साल के प्रतिबंध को खत्म किया जाए। जिससे एक साथ एक लाख अस्सी हजार शिक्षकों को एक साथ फायदा होगा। क्योंकि सभी साथियों ने संविलियन के लिए ना केवल संघर्ष किया है। बल्कि उनका अधिकार भी बनता है।

                     शिक्षक मोर्चा संचालक संजय शर्मा की अगुवाई में अन्य संचालकों ने सीएम से मिलकर संविलियन किए जाने के लिए धन्यवाद जाहिर किया है। मुलाकात के दौरान संचालक संजय समेत अन्य साथियों ने 8 साल  से कम शिक्षकों के संविलियन, समानुपातिक वेतनमान और क्रमोन्नति के मुद्दे को मजबूती के साथ पेश किया।

                  मोर्चा संचालक संजय शर्मा ने कहा कि संविलियन में 8 वर्ष के बंधन को खत्म किया जाए। मोर्चा संचालक ने सीएम के सामने 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों के संविलियन करने के अलावा शिक्षाकर्मियों के समानुपातिक वेतनमान और क्रमोन्नति दिये जाने की मांग को भी सामने रखा।

                            सीएम से मुलाकात के बाद संजय शर्मा ने बताया कि 23 वर्षो का संघर्ष का परिणाम है  कि आज हमें संविलियन का तोहफा मिला है। कैबिनेट की बैठक में 8 साल पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन का निर्णय लिया गया है। 23 वर्षों के संघर्ष के बाद संविलियन का दरवाजा खुल गया है। इसके लिए प्रदेश के एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मी साथियों को शुभकामनाएं देता हूं।

                               संजय ने बताया कि केबिनेट रिपोर्ट पढ़ने और साथियों के साथ समीक्षा करने के बाद सकारात्मक पहलुओं के साथ नकारात्मक तथ्य भी सामने आए हैं। सकारात्मक बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए संजय ने कहा कि 1 जुलाई 2018 से शिक्षाकर्मियों को शासकीय शिक्षक कहा जाएगा। व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षक पदनाम बदल जाएगा। सातवां वेतनमान का लाभ और निर्धारण शिक्षको के अनुसार होगा। स्थानांतरण की सुविधा मिलेगी। अनुकम्पा नियुक्ति का तोहफा मिलेगा। सभी प्रकार के भत्ते और  सुविधाएं मिलेंगी। प्राथमिक प्रधानपाठक, पूर्व माध्यमिक शाला प्रधान पाठक, प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के रास्ते खुलेंगे।

                    संजय ने कहा कि वरिष्टता का निर्धारण होगा। एजुकेशन में  दो कैडर शिक्षक E और T संवर्ग हैं। अब शिक्षा विभाग में एक नया कैडर
शिक्षक LB संवर्ग होगा। वरिष्ठता प्रथम नियुक्ति से दिया जाएगा।

   इसके अलावा संजय ने बताया कि साथियों के साथ समीक्षा के बाद संवलियन रिपोर्ट के कुछ नकारात्मक पहलु भी सामने आए हैं। जो बातें समझ में आयी है कुछ इस तरह हैं। हमारी मांग है कि सभी शिक्षाकर्मियो का संविलियन किया जाए। आठ साल की समय सीमा खत्म की जाए। पंचायत विभाग को पूरा बन्द कर दिया जाए। सभी शिक्षाकर्मियो का वेतन निर्धारण क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर हो। वर्ग 3 की वेतन विसंगति को सुधार कर समानुपातिक, समकक्ष वेतन दिया जाए। प्रथम नियुक्ति तिथि के 10 साल की सेवा पूर्ण करने पर कर्मोनन्ति वेतन दिया जाए। क्रमोन्नति के आधार पर सातवाँ वेतन का निर्धारण किया जाए। संविलियन के बाद प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता का लाभ दिया जाए। पूर्व के दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजन को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जाए।

                       इसके अलावा संजय ने बताया कि अभी तक जो हमने पढ़ा और देखा है उसमें कुछ बातें अस्पष्ट है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति , ग्रेच्यूटी,अर्जित अवकाश के नगदीकरण, समूह बीमा, का भी उल्लेख किया जाए। ग्रेच्यूटी और अर्जित अवकाश नगदीकरण में वर्तमान से 5 साल तक वित्तीय भार नही आएगा।  सेवानिवृत के बाद ही भुगतान करना पड़ेगा। सीपीएस मूल वेतन और मंहगाई को मिलाकर कटौती होगी, इसका स्पष्ट उल्लेख आदेश में नही किया जाए। गैर आयोजना मद से नियमित वेतन का भुगतान होगा, इसका स्पष्ट उल्लेख किया जाए।

                                                     मोर्चा संचालक ने बताया कि विसंगतियों और नकारात्मक पक्ष को ठीक करने शासन के सामने मजबूती के सामने रखा जाएगा।

                        संजय ने बताया कि मुलाकात कर मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि मामले को लेकर मुख्यसचिव और शिक्षा सचिव के साथ बैठक का अवसर दें। ताकि विसंगतियों और शंकाओ के सम्बंध में अपनी बातों को बेहतर तरीके रखा जाए।

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