शिक्षाकर्मी नेताओं ने कहा…छनकर आ रही रिपोर्ट…लेकिन कितना विश्वास करें..रायपुर कलेक्टर गार्डन में करेंगे बैठक

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– प्रदेश शिक्षाकर्मी संगठनों की 18 जून को दोपहर करीब दो बजे रायपुर में बैठक होगी। बैठक का आयोजन कहां किया जाएगा फिलहाल अभी निर्धारित नहीं है। संगठन के नेताओं ने बताया कि उम्मीद है कि बैठक कलेक्टर गार्डन में ही हो। क्योंकि संगठन के पदाधिकारी कलेक्टर गार्डन में ही एकत्रित होंगे। शिक्षाकर्मी नेता हेमेन्द्र साहसी और विकास सिंह राजपूत ने बताया कि बैठक की वजह होगी कि किन शर्तों पर अन्य मांगों के साथ संविलियन स्वीकार किया जाएगा। फिलहाल हमारी प्राथमिकता के साथ मांग संविलियन ही है। लेकिन इसे भी कई मांंगों के साथ जोड़कर ही स्वीकार किया जाएगा। दोषपूर्ण मध्यप्रदेश की तर्ज पर संविलियन किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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                        शिक्षक मोर्चा नेता हेमेन्द्र साहसी ने बताया कि रिपोर्ट में क्या है…शिक्षाकर्मी के किन मांगों को सरकार ने प्राथमिकता में लिया है।फिलहाल बताना बहुत मुश्किल है। जो जानकारी मिल रही है वह बहुत ही भ्रामक है। लेकिन हम सरकारी एलान के बाद इतना तो समझ रहे हैं कि अनुपूरक बजट 200 करोड़ का होगा। जाहिर सी बात है कि इसमें शिक्षाकर्मियों का भी बहुत बड़ा हिस्सा होगा।

        विकास सिंह ने बताया कि सदन में पेश किये जाने वाले रिपोर्ट पर हम केवल कयास ही लगा सकते हैं। और लगा भी रहे हैं। क्योंकि हमारे पास फिलहाल गंभीर जानकारी कम है। जो है भी उस पर भरोसा कितना करें.. बताना मुश्किल है।

                            हेमेन्द्र और विकास ने अलग-अलग बातचीत में इतना जरूर बताया कि सरकार का निर्णय आश्चर्यचकित करने वाला होगा। विश्वास है कि बेहतर ही होगा। दोनों नेताओं ने कहा कि हम रिपोर्ट पेश किए जाने तक दिमाग में नकारात्मक सोच रखने को तैयार नहीं हैं।

               हेमेन्द्र के अनुसार हम चाहते हैं कि सरकार संविलियन देते समय हमारे बैक ग्राउन्ड को आधार बनाए। क्योंकि हमें हमेशा छला गया है। इस बार किसी भी सूरत में छले जाने के लिए तैयार नहीं हैं। कैबिनेट में पेश किया गया रिपोर्ट हमारे हितों के अनुकूल होगा तब हम संविलियन का स्वागत करेंगे।

                              हेमेन्द्र के अनुसार पिछले 20-22 सालों से हमारा दुर्भाग्य है कि जो भी शासन ने एलान किया..पूरा तो दूर अधूरा भी हासिल नहीं हुआ। जैसे की छनकर जानकारी मिल रही है कि संविलियन के बाद सभी शिक्षाकर्मियों को नया वेतनमान मिलेगा। इसी आधार पर हम कयास लगा रहे हैं कि यह तोहफा पिछले क्रमोनन्त वेतनमान को जोड़कर दिया जाएगा। यदि सूचना सही है तो हमें संविलियन स्वीकार है। इसमें सातवां वेतनमान स्वमेव शामिल होगा। हेमेन्द्र ने दुहराया कि हमें मध्यप्रदेश से हटकर त्रुटिविहीन संविलियन की जरूरत है।

                         विस्तार से जानकारी देते हुए हमेन्द्र और विकास ने कहा कि क्रमोन्नत वेतनमान पर हमारा अधिकार है। शासन ने ही एलान किया था। एलान के बाद कुछ सालों तक क्रमोन्नत वेतनमान तो मिला..बाद में सब कुछ गड़बड़ हो गया। हेमेन्द्र ने बताया कि वर्ग दो और तीन के बीच वेतन में जमीन आसमान का अंतर है। इसे दूर किया जाना जरूरी है। वर्ग तीन का मूलवेतन 5200 और ग्रेड 2400 है। वर्ग दो का मूलवेतन 9300 और ग्रेड पे 4200 है। जबकि वर्ग एक का मूलवेतन 9300 और ग्रेड पेमेन्ट 4300 है। यदि क्रमोन्नत हुआ तो सबी वर्ग के शिक्षकों के बीच अन्तर कम होने के साथ आक्रोश भी कम होगा।

              हेमेन्द्र ने बताया कि सरकार ने आठ साल वालों को ही पुनरीक्षित वेतनमान देने का एलान किया था। लेकिन नहीं मिला। इसे ही सरकार छठवांं वेतनमान  कहती है। लेकिन वादा नहीं निभाया गया। कुछ लोगों को लाभ मिला लेकिन बाद में बंद हो गया। साहसी ने बताया कि आन्ध्रप्रदेश गया था..अध्ययन के दौरान पता चला कि वहां दो प्रकार के शिक्षक हैं। इन्हें शासकीय और जिला परिषद शिक्षक कहते हैं। लेकिन दोनों के वेतनमान और सुविधाओं में थोड़ी बहुत अन्तर के अलावा ज्यादा कुछ नहीं है। बेहतर व्यवस्था है। खासतौर पर वेतन और सुविधा को लेकर।

                             हेमेन्द्र के अनुसार छनकर जानकारी मिल रही है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षाकर्मियों को नया वेतनमान मिलेगा। वर्ग दो और तीन के वेतन अन्तर कम होगा। यह भी जानकारी मिल रही है कि 8 से 10 साल की सेवा दे चुके वर्ग तीन को प्रमोशन मिलेगा। इसके अलावा क्रमिक वेतनमान भी दिया जाएगा। लेकिन यह बात पुख्ता है कि शिक्षाकर्मियों का केडर बदल जाएगा।

                        शिक्षाकर्मी नेता ने बताया कि शासन के अनुसार 6 वां वेतनमान ही पुनरीक्षित वेतनमान है। इस बात को लेकर हमें एतराज भी नहीं है। लेकिन आदिवासी क्षेत्र विकास भत्ता,चिकित्सा भत्ता, एचआर भत्ता,महंगाई और अन्य भत्ता कुछ दिनों तक दिया तो गया। लेकिन बाद में बंद कर दिया गया। लेकिन सब गिले शिकवे दूर हो जाएंगे जब क्रमोन्नत,समयमान वेतन के साथ नया वेतन निर्धारित कर सरकार संविलियन का एलान करेगी। जैसा की जानकारी कुछ इसी तरह की मिल रही है।

                      कुछ इसी तरह की बातें  प्रदेश उप संचालक वजीद, जिला मोर्चा संचालक कांकेर स्वदेश शुक्ला, के अलावा प्रवीण श्रीवास्तव ने कही।

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