भाजपा और कांग्रेसियों में जुबानी जंग तेज…FIR प्रकरण के बाद रूक नहीं विवाद…बीच बहस में आ गया उल्लू

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—कोटा में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भाजपा और कांग्रेस नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गयी है। भाजपा मध्य मण्डल अध्यक्ष दुर्गा सोनी, एल्डरमैन मनीष जायसवाल,विजय ताम्रकार, महेश चन्द्रिकापुरे समेत युवा विंग नेता रोशन सिंह ने एक साथ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय और पार्षद प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल समेत अन्य कांग्रेसियों पर भी निशाना साधा है। भाजपा नेताओं ने कहा है कि एक बिना पढ़ा लिखा इंसान भी मुंह खोलने से पहले नाप-तौल कर शब्द बाहर निकालता है। लेकिन सालों से सत्ता से बेदखल होने के बाद भी कांग्रेसियों को अभी भी कुछ समझ नहीं आया है कि क्या, कब और कितना बोला जाए। दरअसल यही नामसमझी और  श्वासघात के कारण जनता ने कांग्रेसियों को सत्ता से दूर कर दिया है।

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                        भाजपा मध्य जोन प्रभारी दुर्गा सोनी ने बताया कि देर है लेकिन अंधेर नहीं। जो जैसा करेगा उसे वैसा ही भरना होगा। कानून के हाथ लम्बे होते हैं। पुलिस अपना काम करेगी..मामले में सरकार या सत्ता पक्ष का किसी प्रकार का लेना देना नहीं है। कल तक सभी कांग्रेसी एकता का दम्भ भर रहे थे। लेकिन सच्चाई सामने आते ही अभी तक किसी कांग्रेसी नेता ने प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के समर्थन में बयान नहीं दिया है। क्योंकि कांग्रेसी भी थोड़ा बहुत ही सही लेकिन जानते है कि तथाकथित नेता की सच्चाई क्या है। समर्थन में बयान देकर कांग्रेसी अपनी फजीहत नहीं करवाना चाहते है। मंत्री पर लगाया जा रहा शैलेश पाण्डेय और शैलेन्द्र जायसवाल का आरोप दुर्भावना पूर्ण है। लोग जानते हैं कि आरोपी हमेशा अपने को पाक साफ बताने के लिए अपराध को दूसरे पर मढ़ता है। यदि उन्हें नही मालूम है तो कम से कम अपने कांग्रेसी साथियों से पूछ लें। क्योंकि एफआईआर दर्ज होने के बाद किसी भी कांग्रेसी का मुह नहींं खुल रहा है। जबकि छोटी छोटी बात पर दो चार लोगों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुच जाते हैं।

                                         दुर्गा सोनी और एल्डरमैन मनीष ने बताया कि देश में घूमकर लोग पता लगाएं कि सीवीआरयू से निकले बच्चों को लोग नौकरी देने से क्यों बचते हैं। बिलासपुर में ही सीवीआरयू से पास बच्चों हुए बच्चों को नौकरी के लिए दर दर भटकना पड़ता है। क्योंकि उन्हें सब्जबाग दिखाकर प्रवेश तो दिला दिया जाता है। लेकिन जब बच्चे बाहर आते हैं तो उन्हें पता चलता है कि लाखों रूपए ना केवल बरबाद किया। बल्कि जीवन भी अंधकार में झोंक दिया है। अब कांग्रेस नेता कहना कि राजनीतिक साजिश हुई। यह बात तो खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह हो गयी है।

                  विजय ताम्रकार,महेश चन्द्रिकापुरे और रोशन सिंह ने भी अलग अलग प्रेस नोट में बताया कि राजनीतिक षड़यंत्र का आरोप लगाने से पहले प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता को धीरज रखना चाहिए। कल तक उन्हें पुलिस और कानून पर विश्वास था। यकायक  कहना कि राजनीतिक साजिश है। जो समझ से परे है।  मामला कानून के दायरे में है…दूध और पानी में अन्तर सामने आ जाएगा। प्रेस नोट जारी कर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस नेता से आय व्यय का व्यौरा भी मांगा है।

                                     इसके अलावा सभी कांग्रेस नेताओं ने शैलेन्द्र जायसवाल पर भी निशाना साधा है। भाजपा नेताओं ने कहा कि शैलेन्द्र को मालूम है कि पन्द्रह साल से शहर की कौन सी बिल्डिंग खंडहर हो रही है। जब प्रदेश का कोई नेता आता है तो दस पन्द्रह लोग इकठ्ठे हो जाते हैं। वरना कांग्रेस कार्यलय के अन्दर और बाहर रात में ही नहीं बल्कि दिन में भी उल्लू नजर आ जाते हैं। शायद यही कारण है कि उल्लू उल्लू चिल्ला रहे हैं। जबकि उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि उल्लुओं का बसेरा सन्नाटा और खंडहर होते मकानों और सूनसान स्थानों में ही होता है। शैलेन्द्र समेत सभी कांग्रेसियों को इस बात की चिंंता करनी चाहिए कि इस बार चुनाव हारने के बाद क्या खंडहर को बचाने लायक स्थिति में रहेंगे। या फिर कांग्रेस भवन को उल्लुओं को भेंट कर देंगे।

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