पुलिस कप्तान का फरमान..बिल्डर की दुनिया में हड़कम्प…लोगों का दावा..मरेगा जमीन मालिक…सफेदपोशों का खुलेगा भाग्य…?

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— विशेष अधिनियम के तहत अवैध कालोनाइजर पर जल्द ही पुलिस कार्रवाई होगी। पुलिस कप्तान आरिफ शेख ने निगम से बिल्डरों की सूची भी मंगवा लिया है। जाहिर सी बात है कि इसके पीछे पुलिस का कप्तान का उद्देश्य ग्राहक को राहत पहुंचाना है। साथ ही शासन को नुकसान पहुंचाने वालों को दण्डित भी करना है। निश्चित रूप से पुलिस कप्तान का यह शानदार अभियान होगा। सवाल उठता है कि आखिर अवैध बिल्डर हैं कौन..जिन्होने कालोनाइज एक्ट का पालन नहीं किया है..या फिर जिन्होने कालोनी बनाने से पहले टीएनसी से अनुमति नहीं ली है। मजेदार बात है कि यहां ज्यादातर ऐसे बिल्डर हैं जिनके पास ना तो कालोनाइज एक्ट का लायसेंस है। इससे कहीं ज्यादा ऐसे लोग हैं जिन्होने नगर एवं ग्राम निवेश विभाग का दरवाजा तक नहीं देखा है। लेकिन शहर में धड़ल्ले से कालोनी का निर्माण भी करवा रहे हैं।

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                           पुलिस कप्तान आरिफ हुसैन शेख ने नियम कायदों को ताक पर रखकर कालोनी बनाने वालों पर शिकंजा कसने का पूरा इंतजाम कर लिया है। जनता में इस बात को लेकर बेहद खुशी है। लेकिन अवैध तरीके से बिल्डिंग और कालोनी निर्माण करने वालों के चेहरे पर किसी प्रकार शिकन नहीं है। हां कमजोर खिलाड़ी थोड़ा बहुत परेशान हैं। लेकिन सपेदफोश बड़े खिलाड़ियों के चेहरे पर किसी प्रकार का शिकन नहीं है। शिकन नहीं होने के कई कारण भी हैं।

          अवैध रूप से कालोनी निर्माण में सक्रिय कुछ बिल्डरों का मानना है कि यदि पुलिस कार्रवाई होती है तो नुकसान उन्हें कम ग्राहक और जमीन मालिकों को ज्यादा होगा। नाम नहीं जाहिर होने की सूरत में दो तीन बिल्डरों ने बताया कि हमने कभी नियमों की अनदेखी नहीं की। बल्कि नियमों के बीच रास्ता बनाकर कालोनी का निर्माण किया है। हां बड़े तथाकथित सफेदपोशों को अभियान का फायदा जरूर मिलेगा।

                         बिल्डरों ने बताया कि जमीन को उसका मालिक बेचता है। खरीदने वाले के नाम जमीन रिकार्ड में दर्ज होता है। उसकी अनुमति से ही हम मकान बनाते हैं। लोगों के कहने पर आसपास के प्लाट में भी घर बनाते हैं।

आखिर क्यों बेखौफ हैं बिल्डर

                    बिल्डरों से बातचीत के बाद अहसास हुआ कि पुलिस कप्तान के आदेश के बाद उनमें काम धन्धा बन्द होने का डर तो सता रहा है। लेकिन सजा मिलेगी इस बात की उन्हें तनिक भी चिन्ता नहीं है। दरअसल इस बेफिक्री के कई कारण भी हैं। उदाहरण के रूप में कालोनी निर्माण के पहले बिल्डर किसान या जमीन मालिक की बड़ी जमीन का बंटवारा करने के साथ अधिकार पत्र लेता है। बिल्डर को मालूम है कि एक एकड़ जमीन पर कालोनी बनाने का सीधा अर्थ है कि टीएनसी प्रमाण पत्र होना जरूरी है। प्रमाण पत्र के पहले कालोनाइज एक्ट का पालन भी किया जाना जरूरी है। लेकिन एकड़ जमीन को चार भाग में अधिकार देने के बाद कालोनाइज एक्ट या टीएनसी प्रमाण पत्र की जरूरत कालोनी यानि घर निर्माण के लिए जरूरत नहीं है।

                                       मजेदार बात है कि सभी लोग जानते हैं कि चारो अधिकार पत्र पर एक या अलग अलग साझेदार मिलकर अवैध तरीके से कालोनी का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में शासन का नियम यहां दंत नख विहीन हो जाता है।

             यदि कार्रवाई होती भी है तो जमीन मालिक और खरीददार ही फंसेगा। क्योंकि अधिकार पत्र दिए जाने के बाद भी जमीन पर मालिक का ही हक रहता है। वह हर बार बिल्डर के इशारे पर छोटे छोटे प्लाट की रजिस्ट्री कराता है। कहता है कि जमीन बेचना जरूरी है। राजस्व प्रशासन सब कुछ जानने के बाद भी अन्जान रहता है कि प्लाटिंग की रजिस्ट्री क्यों हो रही है। फिर भी उसके पास इस तर्क का कोई जवाब नहीं है।

 मतलब पुलिस कार्रवाई में फंसेगा जमीन का गरीब मालिक        

                                 रूपया कमाने में बिल्डर मास्टर माइंड होता है। यदि पुलिस कार्रवाई होती भी है तो वह कहीं भी नहीं फंसेगा। क्योंकि वह जमीन मालिक को जमीन की कीमत उम्मीद से अधिक देता है। मतलब पुलिस कार्रवाई में जमीन खरीदने वाला और बेंचने वाला ही फंसेगा। क्योंकि खरीद फरोख्त में बिल्डर का हाथ होने के बाद भी हाथ नहीं होता है। मतलब पुलिस कार्रवाई में जमीन मालिक का हलाल होना निश्चित है।

कार्रवाई में बड़े बिल्डरों को फायदा

                    यह सच है कि पुलिस कार्रवाई से बिल्डरों पर लगाम लगेगी। लेकिन इसका असर छोटे बिल्डर से ज्यादा बेकसूर जमीन मालिकों पर पड़ेगा। बड़े बिल्डरों को इस अभियान से फायदा ही होगा। जबकि बड़े बिल्डर लायसेंस तो रखते हैं..टीएनसी प्रमाणित भी होते हैं। लेकिन नियमों में कमजोरी का जमकर फायदा उठाते हैं। जाहिर सी बात है पुलिस कार्रवाई के बाद जहां छोेटे बिल्डरों को नुकसान होगा। वहीं बड़े बिल्डर कार्रवाई के बाद मकान कीमत में मनमर्जी से बढ़ाने का मौका मिल जाएगा।

बड़े बिल्डरों पर कसें नकेल

                    अवैध कालोनी निर्माण करने वाले एक बिल्डर ने बताया कि निश्चित रूप से पुलिस अभियान के बाद हमें आर्थिक नुकसान होगा। लेकिन जमीन मालिकों की स्थिति डूब मरने की हो जाएगी। खरीदार का रूपया डूब जाएगा। लेकिन इसका फायदा बड़े बिल्डरों को होगा। यदि पुलिस कप्तान सूझ बूझ के साथ बड़े बिल्डरों पर हाथ डालें तो जनता को बहुत राहत मिलेगी। अवैध बिल्डिंग निर्माम का सिलसिला भी कुछ कम हो जाएगा।

 

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