बिलासपुर—छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांत महामंत्री रोहित तिवारी ने नर्सों के आंदोलन के साथ किए वर्ताव की निंदा की है। रोहित तिवारी ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि इस तरह से आंदोलन को कुचलना विस्फोटक होगा। सरकार को संवेदनशीलता का परिचय देना होगा। कर्मचारियों के साथ बैठकर सरकार को बातचीत करनी चाहिए। शिक्षा कर्मी ,आंगनबाड़ी ,नर्सों के बाद अब सरकार का रीढ़ तंत्र कहलाने वाला लिपिक वर्ग भी आंदोलन की राह पर चलने को तैयार है। सरकार ने यदि माँग पूरी नही की तो कर्मचारी वर्ग का आक्रोश का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
रोहित तिवारी ने कहा कि छग प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ नर्सों के आंदोलन को कुचल सरकार ने अच्छा संदेश नहीं दिया है। समझना होगा कि कर्मचारी वर्ग जब जब नाराज़ हुआ है सरकारों को सत्ता से दूर होना पड़ा है। इस बात को मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह ने भी स्वीकार किया है। चुनाव हारने के बाद बयान दिया था कि कर्मचारियों की नाराजगी भारी पड़ गयी।
लिपिक कर्मचारी नेता ने कहा कि हड़ताल कर्मचारी संगठनो के साथ ट्रेड यूनियन मौलिक अधिकार है। सरकार को कर्मचारियों और संगठनों से चर्चा करनी चाहिए। संवादहीनता से हालात बिगड़ते हैं। दमन का रास्ता लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ होता है। आंदोलनो को कुचलने से आक्रोश विस्फोटक स्थिति में पहुंच सकता है। इसके कई उदाहरण समय समय पर सामने भी आए हैं।
रोहित ने कहा कि आंदोलन को कुचलना ना तो कर्मचारियों के हित में है और ना ही सरकार के पक्ष में ही है। रोहित तिवारी ने बताया की अभी पूरे प्रदेश के लिपिक साथी काली पट्टी लगाकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 27जून को एक दिवसीय हड़ताल के बाद 26 जुलाई से लिपिक कर्मचारी मांग पूरी नहीं होने पर सड़क पर उतरने को तैयार हैं। सरकार समय रहते कर्मचारीयो की मांगो को गम्भीरतापूर्वक नहीं लेती है तो इसका परिणाम गंभीर होगा।