बिलासपुर।मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने मध्य प्रदेश के शिक्षाकर्मियों का संविलियन की घोषणा कुछ माह पहले मुख्यमंत्री निवास में मध्यप्रदेश के संविदा शिक्षक नेताओ की मौजूदगी में की थी।तमाम अटकलों को विराम देते हुए शिवराज सिंह चौहान अपना वादा निभाया और शिक्षक कर्मियों का संविलियन को अंतिम मुहर कैबिनेट की बैठक में दे दिया। मध्य प्रदेश के तमाम शिक्षक संघ व आम शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई ।शिक्षाकर्मीयो की जो समस्या 20 -22 सालों से मध्यप्रदेश में थी।वही समस्या छत्तीसगढ़ में भी है।दोनों प्रदेशों में ब्लॉक स्तर से शुरू हुआ आंदोलन व्यापक रूप लेते हुए दोनों राज्यों में एक इतिहास लिख दिया । दोनों राज्यों में सबसे पहले शिक्षा कर्मियी के संविलियन की खुशी मध्यप्रदेश के हिस्से में आई।मध्यप्रदेश में 29 मई संविलियन त्योहार लगने लगा शिक्षाकर्मीयो ने मिठाइयां बांटी पटाखे फोड़े बधाई हो और शुभकामनाओं का दौर शुरू हुआ जिससे मध्य प्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी भी अछूते नहीं रहे छत्तीसगढ़ में भी पटाखे फोड़े गए मिठाइयां बांटी गई और शुभकामनाएं मध्यप्रदेश के शिक्षाकर्मियों को दी गई जबकि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के अभी भी कमेटी के जाल में उलझा हुआ है।
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एक आंदोलन के दौरान भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सार्वजनिक मंच में भी भाजपा के घोषणापत्र में अपने संविलियन के वादे को दोहरा चुके है।छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का हिस्सा रहा है। पंचायती राज व्यवस्था सहित तमाम नियम कानून आज भी मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ को विरासत में मिले हुए है। जो आज भी छत्तीसगढ़ में प्रचलन में है। 1994 में दिग्विजय सिंह की सरकार के समय के शिक्षाकर्मी मध्यप्रदेश में भी थे। और छत्तीसगढ़ में भी है। अब आम शिक्षाकर्मी के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि जब मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है छत्तीसगढ़ में भी भाजपा कि सरकार तो छत्तीसगढ़ में संविलियन की देरी क्यों ..?
आम शिक्षाकर्मी के मन में यह भी सवाल है कि एक मरे हुए डाइंग कैडर को मध्यप्रदेश जीवित कर नया कर फिर से बना दिया गया है तो छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं बनाया जा सकता है.?आम शिक्षाकर्मी के मन में यह भी सवाल है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण बयान शिक्षक के कैडर को डाईंग घोषित कर उनकी जगह गुरूजी और शिक्षाकर्मी बना दिये गये थे।इससे पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चौपट कर दी गई थी। शिक्षक कैडर को डाइंग घोषित करना सबसे बड़ा अपराध था।
इस बयान के मायने क्या होते है..?
आम शिक्षाकर्मी के मन में यह सवाल की विरासत में मिला ड्राइंग कैडर जो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की नजर में अपराध है वह ड्राइंग कैडर क्या छत्तीसगढ़ में भी चलता रहेगा…?आम शिक्षाकर्मी के मन में यह भी सवाल है कि क्या भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों को मध्यप्रदेश में हुए संविलियन से और बेहतर संविलियन सहित सुविधाएं देने वाले हैं?