पहले वेतन विसंगति दूर हो फिर मध्यप्रदेश से बेहतर संविलियन पेश करे छत्तीसगढ़ सरकार-कमलेश्वर सिंह

Shri Mi
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बिलासपुर।मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान एवम् राष्ट्रिय  माध्यमिक शिक्षा अभियान को एकीकृत करते हुए “समग्र शिक्षा अभियान ” के तहत कक्षा 1 ली से 12 वीं तक एक ही विभाग के अधीन संचालित करने के आदेश दिया हुआ है। मध्यप्रदेश में हुआ संविलियन फार्मूला “समग्र शिक्षा अभियान” की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। मध्यप्रदेश में अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन हो गया है पूर्व में अध्यापक संवर्ग संविलियन से पंचायत/नगरीय निकाय के अधीन कार्यरत था।अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग में मर्ज करने के लिए मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग)भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2018 लागू होना है।
अ मध्यप्रदेश में अध्यापक संवर्ग प्राथमिक शिक्षक ,माध्यमिक शिक्षक एवम् उच्चतर माध्यमिक शिक्षक कहलायेंगे और भविष्य में इसी पद पर सीधी भर्ती होगी । शिक्षा के अधिकार कानून 2009 में निहित समान्य सेवा की शर्ते  लागु होगी ।इस नियम अनुसार पंचायत /नगरीय निकाय से स्कूल शिक्षा विभाग में मर्ज किये हुए अध्यापक शासकीय कर्मचारी होंगे इन्हें वे समस्त सुविधाये मिलेंगे जो राज्य के समस्त कर्मचारियों को प्राप्त होती है।
कमलेश्वर सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में पूर्व से ही अध्यापक संवर्ग को वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम 07 के तहत पुनरीक्षित तिथि में प्राप्त कर हो रही थी। विद्यमान मूल वेतन को 1.86 से गुणा के वेतन निर्धारण कर वेतन का लाभ दिया जा रहा है।और 12 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान के विद्यमान मूल वेतन का बैंड एवम् ग्रेड पे दिया जा रहा है ।कुल परिलब्धि का 10 सी पी एस कटौती की जा रही है।
 एक निकाय से दूसरे निकाय में स्थांतरण का प्रावधान है। तथा वेतन तालिका (रेडिनेकनर)तैयार किया गया है।
नए नियम के तहत अलग कैडर बनाकर स्कूल शिक्षा विभाग में रिक्त प्रधान पाठक (प्रा./मा.)के 20% में अधयापक संवर्ग से मर्ज शिक्षको की पदोन्नति तथा  हाईस्कूल के लिए स्वीक्रत प्राचार्य पद के 20%पद पर वरिष्ठ अध्यापक से मर्ज उच्चतर माध्यमिक शिक्षक को हाइस्कूल के प्राचार्य पद पर पदोन्नति देंगे ।उन्होंने इस बात को प्रमुखता से कहा कि मध्यप्रदेश का सह-वरिष्ठता का निर्धारण तृटिपूर्ण है ।उच्चतर माध्यमिक शिक्षक को 4 थे क्रम में रखे है माध्यमिक शिक्षक 8 वे स्थान पे प्राथमिक शिक्षक को 12 वें स्थान पे रखा है ।
अर्थात एमपी के स्कूल शिक्षा विभाग में दो कैडर के कर्मचारी होंगे जिससे भेदभाव को बढ़ावा मिलेगा ।परन्तु सराहनीय बात ये है कि भर्ती नियम में चिकत्सा प्रतिपूर्ति ,मकान भत्ता,यात्रा भत्ता के साथ साथ 1 जुलाई 2018 से सातवां वेतन मान दिए जाने हेतु प्रावधान किये है।कुल मिलाकर मध्य प्रदेश सरकार अध्यापक संवर्गो को स्कूल शिक्षा विभाग में नए केडर बनाकर शासकीय करण कर दिया है।
कमलेश्वर सिंह ने बताया कि इस निर्णय का छत्तीसगढ़ के समस्त 1लाख 180 हजार शिक्षाकर्मी स्वागत करते है।छत्तीसगढ़ में शिक्षा कर्मियो को शिक्षा विभाग में सविलियन होता है तो मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए नियमो में संशोधन् करते हुए बेहतर संविलयन निति बनानी चहिये ताकि शिक्षा कर्मीयो को संविलियन की पूर्ण संतुष्टि होनी चाहिए।कमलेश्वर सिंह ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की है कि सबसे पहले राज्य के शिक्षा कर्मियो को शासकीय शिक्षको के समतुल्य वेतनमान के निर्धारण में उतपन्न वेतन विसंगति को दूर करते हुए अर्थात छ.ग.वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम 07 के तहत 8 वर्ष की पूर्ण तिथि में प्राप्त कर रहे विद्यमान मूल वेतन का 1.86 से गुणा कर वेतन निर्धारण ,भूतलक्षी प्रभाव से समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन पुनरीक्षण के आदेश करें।
उन्होंने बताया कि ऐसा होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकर शिक्षक (पं/ननि)कर्मचारियों को स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन करने की निति की घोषणा करें। जिसमे स्कूल शिक्षा विभाग के मृत पदों को पुनर्जीवित करने ,नियमित शिक्षक एवम् संविलयन किये जाने वाले शिक्षको के बीच प्रथम नियुक्ति से धारित पद (सीधी भर्ती/पदोन्नति)के अनुसार वरिष्ठता निर्धारण ,शासकीय शिक्षको के समान वेतनमान,चिकित्सा भत्ता,मकान भत्ता ,यात्रा भत्ता,आदिवासी क्षेत्र प्रतिपूर्ति भत्ता सहित सातवां वेतनमान ,शासकीय शिक्षको के समान समस्त सुविधाये ,खुली स्थांतरण निति , अनुकम्पा नियुक्ति के नियमो में शिथिलता ,1998 से 2004 के बीच नियुक्त शिक्षा कर्मियो को पेंशन योजना का लाभ ,ग्रेज्युटी ,स्कूल शिक्षा विभाग में रिक्त प्रधान पाठक (प्राथमिक/माध्यमिक)के  80% पद पर संविलयन से मर्ज किये शिक्षक एवम् सहायक शिक्षक को पदोन्नत तथा हायर सेकण्डरी स्कूल में स्वीकृत प्राचार्य के 50%पद पर संविलयन से मर्ज किये
व्यख्याता को पदोन्नति से भरे जाने का नियम बनाई जाये ।आबंटन व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करते हुए शासकीय शिक्षको के समान देयक तैयार कर NONE BUDTE  के तहत कोषालय से वेतन आहरण करने का प्रावधान किया जाये ।
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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