तालाब में लाखों का भ्रष्टाचार…गायब हो गयी 37 लाख की फाइल…पार्षद ने कहा…दागियों को बेदाग करने बनी कमेटी

BHASKAR MISHRA
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लोरमी—लोरमी नगरपंचायत अधिकारियो की मनमानी थमने का नाम नही ले रही है। नगरपंचायत के वार्ड नम्बर 14 में तालाब गहरीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए 37 लाख रूपये का टेंडर जारी किया गया। काम की जिम्मेदारी स्थानीय ठेकेदार को गी गयी। ठेकेदार ने गुणवत्ता को नजरअंदाज कर करीब 29 लाख रूपयों का आहरण कर लिया। मजेदार बात है कि काम अभी भी अधूरा है। सूत्रों की मानें तो ठेकेदार ने मात्र 10 से 12 लाख रूपये खर्च कर शासन को 25 लाख रूपयों को फटका दिया है।
                         लोरमी नगर पंचायत में अधिकारी और ठेकेदार की जुगलबंदी से प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ सबका विकास अभियान को पलीता लगाया जा रहा है। अधिकारी और ठेकेदार अपनों का साथ और अपना विकास में मदमस्त हैं।  सूत्रों के माने अधिकारी और ठेकेदार मिलकर तालाब  सौंदर्यीकरण के नाम पर शासन को 25 लाख से अधिक रूपयों का चूना लगाया है। ठेकेदार ने अधिकारी से मिलीभगत कर 37 लाख रूपए से होने वाले तालाब सौंदर्यीकरण का काम मात्र 12 लाख रूपयों में निबटा दिया है। बाकी रूपयों का बंदरबांट कर लिया गया है।
                     जब सीजी वाल संवाददाता तालाब सौंदर्यीकरण के कार्यों की जानकारी लेने नगर पंचायत कार्यालय पहुंचा तो जानकारी मिलि की तालाब कार्य से सम्बंधित फाइल गायब  है। वार्ड पार्षद और स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि फाइल गायब होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। यदि फाइल गायब नहीं होगी तो कई दागदार अधिकारी और ठेकेदार का चेहरा बेनकाब हो जाएगा। दरअसल अधिकारी और क्लर्क खुद और चेहते ठेकेदार को बचाने के लए सोची समझी रणनीति के तहत फाइल गायब करवा दिया है।
                              पार्षद ने बताया कि नगर पंचायत से 37 लाख रूपये की फाइल गायब होना मामूली बात नहीं है। जाहिर सी बात है कि फाइल गायब होने में विभाग के अधिकारी और क्लर्क का हाथ है।
कमेटी कर रही तलाश
           फाइल गायब होने की जानकारी के बाद सीएमओ ने जाँच कमेटी का गठन किया है कमेटी को सात दिन में रिपोर्ट पेश करना था। लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं किया गया है। सीएमओं की मानें तो सम्बन्धित क्लर्क को दो बार नोटिस थमाया  गयाहै। बावजूद इसके मामला ढण्डे बस्ते में जाते दिखाई दे रहा है। क्योि क्लर्क ने अभी तक नोटिस का जवाब भी नहीं दिया है। अन्दर से जानकारी मिल रही है कि नगर पंचायत के अधिकारी ठेकेदार और सम्बन्धित क्लर्क को बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। नोटिस का खेल केवल दिखावे के लिए कर रहे हैं।
                         जबकि सीएमओ को अच्छी तरह से मालूम है कि तालाब सौंदर्यीकरण और गहरीकरण में लाखों रूपए की भ्रष्टाचार की शिकायत वार्ड पार्षद ने कलेक्टर जनदर्शन में भी किया है।
रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई…अध्यक्ष
        नगर पंचायत पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि  तालाब गहरीकरण में भ्रष्टाचार और फाइल गायब होने की जानकारी मिली है। मामले में जाँच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। रिपोर्ट के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाया जाएगा।
रिपोर्ट के बाद लिया जाएगा निर्णय–सीएमओ
नगर पंचायत सीएमओं यमन देवांगन ने बताया कि फाइल का गायब होना लापरवाही को जाहिर करता है। कमेटी का गठन किया गया है। पता लगाया जा रहा है कि फाइल कहां है। यदि गायब हुई है तो इसके पीछे किसका हाथ हैं। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। फिलहाल रिपोर्ट का इंतजार है।
रिपोर्ट का नहीं आएगा रिजल्ट–पार्षद
          वार्ड पार्षद दुर्गा रजक ने बताया कि कमेटी का गठन मामले में लीपापोती के लिए किया गया है। अधिकारी से लेकर क्लर्क सभी का ठेकेदार से मधुर संबध हैं। लेन देन में सभी लोग शामिल हैं। आश्चर्य नहीं होगा कि सभी लोग निर्दोष साबित हो जाएं। ऐसे में फिर गायब फाइल के मिलने का सवाल ही नही उठता है।
               सवाल उठता है कि आखिर वहीं पाइल ही क्यों गायब हुई। फाइल गायब होने के बाद क्लर्क समेत ठेकेदार को नोटिस थमाया गया है। समय बीतने के बाद भी फाइल को ढूंढा नहीं जा सका है। जाहिर सी बात है कि लाखों के भ्रष्टाचार के खेल में सपेदपोश और आलाधिकारी के हाथ होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।  देखना है कि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होती भी है या फिर महज खानापूर्ति के बाद मामले को रफा दफा कर दिया जाता है।
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