नई दिल्ली-महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि पेट्रोल एवं डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा आम सहमति बनाने से ईंधन की कीमतें नीचे आ जाएंगी। फडणवीस ने कहा कि पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय भाव पर निर्भर करती हैं। उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘ईंधन की कीमतें कम करने के बारे में एक कार्यबल पहले ही कोशिशें कर रही हैं। यदि इन्हें (पेट्रोल एवं डीजल को) जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो इससे कीमतें कम हो जाएंगी। महाराष्ट्र इसके लिए पहले ही सहमति दे चुका है।’उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद को निर्णय लेने से पहले राजस्व नुकसान जैसे पहलुओं को भी देखना होगा। फडणवीस ने कहा, ‘सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बातें चल रही हैं। अन्य राज्यों ने अभी तक सहमति नहीं दी है। एक बार जब पेट्रोल एवं डीजल को जीएसटी के दायरे में ले आया जाएगा , इसका दायरा बदल जाएगा। अभी करों के ऊपर कर लग रहा है, जिससे दाम बढ़ जाते हैं। जीएसटी से एकल कर सुनिश्चित होगा।फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्यों की सरकारों के पीछे हिमालय की तरह अडिग है और सभी रुकी परियोजनाओं को मोदी सरकार में मंजूरी मिली है।
उन्होंने दावा किया, ‘सूखे की समस्या को दूर करने, सिंचाई व्यवस्था तैयार करने और सड़कें बनाने के लिए केंद्र सरकार ने भारी राशि मुहैया करायी है। केंद्र ने पिछले चार साल में महाराष्ट्र को इतना दिया है जो पिछले 20 साल में भी नहीं दिया गया था।’वहीं पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल-डीजल के दामों में नियंत्रण करने को लेकर कहा, ‘जीएसटी एक तरीका है इस स्थिति पर नियंत्रण करने का लेकिन सरकार अन्य दूसरे विकल्प पर भी विचार कर रही है जिससे कि लोगों को न केवल तात्कालीक बल्कि दीर्घकालीक राहत मिल सके।’उल्लेखनीय है कि कर्नाटक चुनाव के दौरान पेट्रोल – डीजल भाव में 19 दिन तक बदलाव रोकने के बाद से अब तक लगातार 11 वें दिन इनकी कीमतें बढ़ायी गयी हैं।14 मई के बाद से अब तक दिल्ली में पेट्रोल 2.84 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.60 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।