दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में मुंगेली जिला 22 वें पायदान पर ….. खुल गई शिक्षा व्यवस्था की पोल…

Chief Editor
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लोरमी   (  योगेश मौर्य )    । छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दसवीं बारहवी के परीक्षा परिणाम घोषित किये। परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश में इस वर्ष भी उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के प्रतिशत में वृद्धि हुई है। वहीं अगर मुंगेली जिले की बात की जाये तो इस बार दसवीं में सोलहवें तो बारहवीं में बाइसवें पायदान पर रही। वहीं प्रदेश के सघन वनांचल जिला जशपुर और सरगुजा जिला क्रमशः पहले और दूसरे पायदान पर है।
पिछले वर्ष के परीक्षा परिणाम की बात करे तो मुंगेली जिला बारहवीं में दूसरे और दसवीं में सातवें पायदान पर थी। जिस तरह से इस वर्ष में मुंगेली जिले का परीक्षा परिणाम आया है उससे मुंगेली जिले के शिक्षा अधिकारियो की कार्य प्रणाली का आंकलन लगाया जा सकता है कि वे शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए कितना प्रयास कर रहे है शासन एक ओर जहाँ शिक्षा गुडवत्ता बढ़ाने के लिए अभियान चला रही है जिसके तहत जिले शिक्षा अधिकारी किसी भी स्कुल को गोद लेकर वहां के शिक्षा के स्तर को उठाने का प्रयास करते है लेकिन जिस तरह इस वर्ष मुंगेली जिले का परीक्षा परिणाम आया है उससे जिला शिक्षा के अधिकारियो की पोल खुल रही है कि वे किस तरह से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे है और शिक्षा गुणवत्ता की धज्जियां उड़ा रहे है।
यहां यह बताना भी लाजमी है कि पूर्व में पदस्थ मुंगेली जिले के कलेक्टर किरण कौशल की मॉनिटरिंग में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई प्रयास किए गए थे, जिसमें एक्सट्रा क्लासेज, लक्ष्य परीक्षा सहित अन्य योजनाएं शामिल है। उस दौरान पूरा शिक्षा महकमा 10वीं और 12वीं के रिजल्ट हेतु जिम्मेदारी से अपने कार्य का निर्वहन कर रहे थे। इस बार के परिणाम में यदि मुंगेली जिले का स्तर गिरा है तो इसके लिए शिक्षा विभाग के साथ-साथ अन्य प्रशासनिक विभाग भी जिम्मेदार हैं। वास्तव में परिणाम को और बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर अधिकारियों द्वारा बेहतर समीक्षा बैठक का आयोजन करते रहना चाहिए था।
इस मामले मुंगेली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राकेश पात्रे ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से मुंगेली जिले का परीक्षा परिणाम आया है उसके लिए पूरा शिक्षा विभाग और उसके अधिकारी दोषी है।
 वहीं जिला शिक्षा अधिकारी एन के चन्द्रा कहा कि इस वर्ष जो परिणाम आये है वे निराशाजनक है जिसकी समीक्षा की जायेगी। लेकिन सवाल ये उठता है कि परिणाम घोषित होने के बाद इन अधिकारियो को समीक्षा करने की जरूरत क्यों पड़ी इस ओर पहले ही ध्यान क्यों नही दिया गया।
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