बिलासपुर-राज्य की बीजेपी सरकार के नित्य नई दमनात्मक कार्यवाही से प्रदेश के 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मी लगातार आक्रोशित है ऐसे में अगर सरकार इनके गुस्से को जल्द शांत नही करता है और संविलियन सहित नियमित शिक्षको के समान तमाम सुविधाएं जल्द से जल्द नही देते है तो आने वाले नवम्बर के विधानसभा चुनाव में इसका विपरीत असर निश्चित पड़ेगा यह कहना है शिक्षक पँचायत/ननि एम्पलाइज एसोसिएशन के प्रदेश सचिव शिव सारथी का।उन्होंने राज्य शासन पर लगातार शिक्षाकर्मीयो के सुविधाओं का दमन करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जहाँ शासन संविलियन जैसे मूल माँगो को लटका रहा हैं वही छग हाईकोर्ट के सिंगल बैंच के आदेश नान डीएड,बीएड योग्यताधारियो को वेतनवृद्धि सहित पुनरीक्षित वेतनमान के दिये गए लाभ के आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट के डबल बैंच में अपील करके तथा उसी प्रकार बिना अनुमति प्राप्त शिक्षक पँचायत संवर्गो को निम्न पदों की गणना कर पुनरीक्षित वेतनमान के भी लाभ सम्बन्धी हाईकोर्ट के आदेश के भी विरुद्ध डबल बैंच में अपील करने प्रदेश के शिक्षाकर्मीयो को उनके मिलने वाले आर्थिक सुविधाओं को रोक लगाना हैं।
जिससे शिक्षाकर्मी साथियो में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हैं। प्रदेश सचिव शिव सारथी का कहना है कि कोई भी राज्य सरकार जनकल्याण कारी होता है जिसके तहत राज्य के जनता और कर्मचारियों के सामाजिक और आर्थिक सुविधाओं का पूरा-पूरा ध्यान रखता है पर पहली बार देखने मे आ रहा हैं कि इस राज्य के शासक लोकतन्त्र नही बल्कि राजतन्त्र की भांति कार्य करते हुए अपने कर्मचारियों(शिक्षाकर्मीयो)का लगातार दमन ही कर रहा हैं।
कभी वेतन भत्तों में कटौती करके तो कभी मिलने वाले आर्थिक सुविधाओं के विरुद्ध न्यायालय में केस लगा करके,शासन के इस तरह की कर्मचारी विरोधी कार्यवाही से शिक्षाकर्मी और उनके परिवार परेशान है उन्होंने निर्णय ले लिया है कि जो शिक्षाकर्मीयो की बात करेगा,छग में राज करेगा इसी परिपेक्ष्य में सोशल मीडिया में लगातार उनका मुहिम भी जारी है जिससे शासन औऱ प्रशासन में हड़कम मचा हुआ है लगता है आने वाले राज्य के विधानसभा चुनाव में इसका असर भी देखने को मिलेगा।