IMA की जनहित याचिका में आयुष डॉक्टर भी बनेंगे पक्षकार….. हाईकोर्ट ने किया आवेदन स्वीकार

Chief Editor
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट नें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की एक जनहित याचिका में आयुष डॉक्टरों को भी पक्षकार बनाए जाने का आवेदन स्वीकार कर लिया है। साथ ही आईएमए को अपनी याचिका में संशोधन करते हुए इन डॉक्टरों के भी नाम जोड़ने का आदेश दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अगस्त 2017 में नोटिफिकेशन जारी कर आयुर्वेदिक डॉक्टरों को एलोपैथी प्रैक्टिस करने के लिए अनुमति दी गयी थी। राज्य शासन का यह आदेश ग्रामीण अंचल में इलाज की सुविधाएं पहुचाने के उद्देश्य से दिया गया था। राज्य सरकार के इसी सर्वहित में पारित आदेश के विरुद्ध इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा जनहित याचिका दायर कर स्टे प्राप्त कर लिया गया था। अधिवक्ता फैज़ काज़ी की माने तो स्थिति यह बन आयी है कि ओवर द काउंटर दवाइयां भी पर्चे में लिख देना आयुर्वेदिक डॉक्टरों के विरुद्ध न्यायालय की अवमानना का मामला बनाये जाने के लिए पर्याप्त कारण माना जा सकता है।
इस स्थिति में अश्कार्यजनक बात यह थी कि आयुष मेडिकल एसोसिएशन को इस जनहित याचिका में पक्षकार बनाया ही नहीं गया था। इस मामले में आयुष मेडिकल एसोसिएशन एवं सोसाइटी ऑफ़ क्लीनिकल आयुर्वेद द्वारा मामले में  पक्षकार बनाये जाने का आवेदन उच्च न्यायलय द्वारा रद्द कर दिया गया था।  उच्च न्यायालय में   मंगलवार को  हुई सुनवाई के दौरान ही अधिवक्ता जितेंद्र पाली के माध्यम से लगायी गयी आयुर्वेदिक डॉक्टर राघवेंद्र सिंह का पक्षकार बनाये जाने का आवेदन न्यायालय द्वारा स्वीकार कर लिया गया है और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को अपनी याचिका में संशोधन करते हुए इन डॉक्टरों का नाम जोड़ने के लिए आदेशित किया गया है।
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