जब अंधेरे में छात्रों ने लिखा उत्तर…केन्द्रीय विश्वविद्यालय व्यवस्था की खुली पोल..व्हीसी के सामने छात्र नेताओं ने काटा हंगामा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— नाम बड़े और दर्शन छोटे..यह मुहावरा केन्द्रीय विश्वविद्यालय पर सटीक बैठता है। बिजली नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय के परीक्षार्थियों को इमरजेंसी लाइट में परीक्षा देना पड़ा है। परेशान छात्रों ने किसी तरह परीक्षा तो दे दिया। लेकिन उन्हें भारी परेशानी से भी गुजरना पड़ा है।

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                                    गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालरय में मंगलवार 1 मई को  दूसरी पाली में दोपहर 2 से 5 बजे के बीच लाइट नहीं होने से परीक्षार्थियों को इमरजेन्सी लाइट में परीक्षा देना पड़ा है। बिजली गुल होने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था नही होने से विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्र-छात्राओं के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा है।

                       छात्रों ने बताया कि यकायक लाइट जाने से सभी परीक्षार्थियों को करीब 15-20 मिनट तक अँधेरे में बैठे रहना पड़ा । इसी दौरान फार्मेसी बिल्डिंग में परीक्षा दे रहे छात्र-परिषद के पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ शुक्ला और वर्तमान परिषद सदस्य सुशोभित लाल ने हंगामा मचाना शुरू किया। जिसके बाद सिर्फ फार्मेसी विभाग के हर कक्ष में 1-1 इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था की गई। पर्याप्त रोशनी नहीं होने के बाद भी छात्रों ने प्रश्न पत्र हल करना पड़ा।

                              छात्रों के हंगामें के बाद आनन-फानन में एक अतिरिक्त इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था की गय़ी। बावजूद इसके रोशनी अपर्याप्त थी। परीक्षा के अंत में जब  छात्रों ने अतिरिक्त माँगा तो पर्यवेक्षक ने देने से इन्कार कर दिया। इतना सुनते ही पूर्व अध्यक्ष,सदस्य समेत सभी छात्र-छात्राएं उग्र हो गए। शोर शराबा होने पर फार्मेसी बिल्डिंग के  केंद्राध्यक्ष प्रो. एस. आर. बोडके  को बुलाया गया।

                           छात्र नेताओं ने प्रोफेसर बोडके का व्यवस्था को लेकर घेराव कर दिया। उन्होने भी अतिरिक्त समय देने से इंकार कर दिया। विवाद बढ़ता देख प्रोफेसर बोड़के ने उच्चाधिकारियों से चर्चा के बाद छात्रों की माँग पर अतिरिक्त 15 मिनट देने को मजबूर होना पड़ा।

                             सिद्धार्थ शुक्ला ने बताया कि विश्वविद्यालय के किसी भी  परीक्षा केंद्र में बिजली गुल होने के बाद अतिरिक्त प्रकाश की व्यवस्था व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण परीक्षार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परीक्षा के बाद छात्र-परिषद ने कुलसचिव को ज्ञापन सौंपा गया। मांग की गयी  है कि व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त किया जाए। बावजूद इसके यदि व्यवस्था को दुरूस्त नहीं किया जाता है तो छात्र-परिषद आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। परीक्षा भी बाधित होगी जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से कुलपति,कुलसचिव और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की होगी। कुलसचिव ने त्वरित कार्यवाही का आश्वाशन दिया है।

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