शांत नहीं बैठेगा कोर्ट…न्यायाधीशों ने कहा…आदेश के 48 घंटे में केरें शिफ्ट..संपत्ती सुरक्षा सरकार,पुलिस और निगम की जिम्मेदारी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—  मुकेश देवांगन की 4 साल पहले दायर एक याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि रायपुर में फैला पीलिया आपदा है। रायपुर नगर निगम लम्बे से समय से जनता को साफ पानी पीलाने में असफल है। ऐसे में कोर्ट शांत नहीं बैठ सकता है।प्रभावित लोगों को अस्थायी रहवास की व्यवस्था की जाए। सभी को साफ पानी और पुष्ट खाना भी खिलाया जाए।

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                        यह बातें चार साल पहले मनोज देवांकन की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट के डबल बैंच ने कही। मुख्य न्यायाधाीश टीबी राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति शरद कुमार गुप्ता की युगल पीठ ने याचिका सुनवाई के बाद आदेश किया कि रायपुर में फैला पीलिया आपदा है। याचिक अब चौथी वर्षगांठ मनाने जा रही है। बावजूद इसके नगर निगम रायपुर जनता को साफ पानी पिलाने में असफल रहा है।

                     युगल पीठ के न्यायाधीशो ने कहा कि पीलिया से 6 मौते हो चुकी हैं। आंकड़ों के अनुसार 104 लोग नहरपारा में पीलिया से पीड़ित है। पर्यावरण संरक्षण मंडल ने सेम्पल जांच में पाया कि पानी में ई-कोलाई है। एैसे में कोर्ट शांत नहीं बैठ सकता।  संभव स्थिति यह ही दिख रही है कि प्रभावित क्षेत्र वालों को अस्थाई रहवास में रखा जावे। वहां पर सभी को स्वच्छ पानी तथा खाना भी खिलवाया जावे। इसके लिए युद्धस्तरीय कार्यवाही की जावे।

         न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन और न्यायधीश शरद गुप्ता ने कहा कि आदेश लिखाने के समय से 48 घण्टों के अन्दर प्रभावित क्षेत्र के लोगों को अस्थाई रहवास में शिफ्ट किया जावे। इसन दौरान आने वाला सभी खर्च नगर निगम करेगा। इस बीच क्षेत्र के रहवासियों की संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा पुलिस, नगर निगम और राज्य सरकार की होगी।

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