जब शिक्षाकर्मी नेता ने दिया अल्टीमेटम..कहा..सरकार की मंशा ठीक..अधिकारियों की नीयत में खोट..1 मई को करेंगे चर्चा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— शिक्षाकर्मी नेता संजय शर्मा ने कहा है कि एक मई को कमेटी के सामने संविलियन समेत 9 सूत्रीय मांगों को एक बार फिर प्रमुखता के साथ रखेंगे। साथ ही टालमटोल करने का कारण भी पूछेंगे। संजय ने बताया कि सरकार की मंशा तो शिक्षाकर्मी के प्रति ठीक है। लेकिन अधिकारी ही शिक्षाकर्मियों के हितों पर लगातार चोट कर रहे हैं। यही कारण है कि कमेटी ने अभी तक सरकार के सामने रिपोर्ट पेश नहीं किया है। यदि पांच मई को रिपोर्ट पेश नहीं किया गया तो प्रदेश के एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मियो को अधिकार के लिए उठने से कोई रोक नहीं सकता है।

             
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                                     शिक्षाकर्मी नेता संजय ने बताया कि पूरा विश्वास है कि कमेटी पांच मई तक सरकार के सामने पेश कर देगी। प्रदेश के एक लाख अस्सी हजार शिक्षाकर्मी भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं। पुूरा विश्वास है कि कमेटी पांच मई को संविलियन का प्रस्ताव पेश कर देगी। यदि रिपोर्ट पेश करने को लेकर कमेटी का काल बढ़ाया गया तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

                   संजय शर्मा ने कहा कि अभी तक कि गतिविधियों से स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री रुख शिक्षाकर्मियों को लेकर सकारात्मक है। लेकिन कमेटी के अधिकारी शिक्षाकर्मियों के हितों को लेकर कहीं से भी संजीदा नहीं दिखाई दे रहे हैं। जबकि अभी तक कमेटी को सरकार के सामने क्रमोन्नति, समानुपातिक, सातवाँ वेतनमान,  संविलियन/ शासकीयकरण का प्रस्ताव पेश कर दिया जाना चाहिए था।

                            संजय शर्मा ने बताया कि संविलियन में कोई संवैधानिक दिक्कत नही है। राजस्थान में रिक्त पदों पर है संविलियन का प्रावधान है।  छत्तीसगढ़ के सेटअप में भी रिक्त पद के लिए व्यवस्था है। संजय ने कहा कि शिक्षाकर्मियो की भर्ती शिक्षको के पद विरुद्ध हुई है। संजय ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि कमेटी को मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट पेश करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय दिया। लेकिन अधिकारियों ने तीन महीने से रिपोर्ट को लटका कर रखा है।

*                  प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि मांग के बाद भी संविलियन के विषय को कमेटी में शामिल किये जाने का लिखित आदेश नही निकाला गया है। छत्तीसगढ़ पंचायत नगर निगम शिक्षक संघ द्वाने राजस्थान और मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी संविलियन लागू करने की मांग की थी। शासन ने उप संचालक स्तर की टीम बनाकर राजस्थान में अपनाए गए प्रक्रिया का अध्ययन करने भेजा । इससे जाहिर होता है कि शासन का रुख संविलियन को लेकर सकारात्मक है। लेकिन अधिकारियों का ठीक नहीं है।

                   संजय ने बताया कि एक मई को  कमेटी के सामने संविलियन समेत 9 सूत्रीय मांगों को प्रमुखता से रखा जाएगा। अधिकारियों से सवाल भी करेंगे। जबकि इसके पहले भी शिक्षाकर्मियों की मांगो को लेकर अधिकारियों के सामने 157 पेज का तथ्यात्मक दस्तावेज सौपा चुका है। बावजूद इसके एक बार फिर दस्तावेज देंगे।

                          इस दौरान अधिकारियों के सामने पुनरीक्षित वेतनमान की विसंगति को सुधारने के साथ 7 वां वेतनमान की मांंग करेंगे। साथ ही क्रमोन्नति, समयमान वेतन के आधार पर पुनरीक्षित वेतनमान की विसंगति दूर करने की बात को पुरजोर तरीके से पेस करेंगे। संजय ने बताया कि वर्ग 3 को समानुपातिक वेतनमान देने के अलावा समानुपातिक वेतन के आधार पर 7 वां वेतनमान के निर्धारण का वेतन मैट्रिक्स का फार्मूला तैयार कर संविलियन का आदेश जारी करने का दबाव बनाएंगे।

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